संजय शर्मा

बदायूं । अंबियापुर क्षेत्र के ग्राम दबिहारी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भगवत कथा के छठवें दिन भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथावाचक पूनम शास्त्री ने कहा कि जब वासुदेव जी भगवान श्री कृष्ण को गोकुल में छोड़ कर वहां से योग माया को लेकर आए तो कंस ने उसे पकड़ कर मारना चाहा परन्तु वह उससे छूट कर आकाश में स्थित हो गई और कंस के काल के जन्म की घोषणा की जिसे सुनकर कंस भयभीत रहने लगा।

गोकुल में नन्द बाबा- जयोदा के यहां पुत्र जन्म के समाचार मिलते ही समस्त ब्रज मंडल के हर्ष और आनन्द का माहौल हो गया और नन्द भवन में भगवान का जन्म महोत्सव मनाया गया। कथा के दौरान उन्होंने बड़े ही रोचक तरीके से भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा मनुष्य अपने सत कर्मों से अपने भाग्य को बदलने के साथ ईश्वर के साक्षात दर्शन कर सकता है। उन्होंने कहा भक्ति भाव से जो भगवान को दिया जाता है। भगवान उसे स्वीकार कर भक्तों को लाख गुना करके देते हैं। संपूर्ण एश्वर्य प्रदान करते है। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की मथुरा लीला के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान के मथुरा आने पर भगवान द्वारा धोबी के अभिमान को चुर करना तथा दर्जी एवं सुदामा माली से स्वागत प्राप्त कर उन्हें धन्य करना एवं कुब्जा द्वारा चन्दन प्राप्त कर उसे सर्वांग सुन्दरी बनाने के प्रसंग के प्रसंग सुनाया। भगवान श्री कृष्ण के द्वारा कंस वध का भी प्रसंग सुनाया। इस मौके पर सुखपाल शर्मा, मोनू सिसोदिया, नारद चौहान, गोलू सिसोदिया, खिलाड़ी सिसोदिया, आकाश सिसोदिया, सतीश प्रजापति, मंजू प्रजापति, प्रमोद प्रजापति, देवेंद्र शाक्य, सत्येंद्र शाक्य, पप्पू शाक्य, राजकुमार शाक्य, मुकेश शाक्य, अजीत, जयकेश, नारद चौहान आदि मौजूद रहे।

 

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