संजय शर्मा

यही हाल है जिला समाज कल्याण अधिकारी का जो कि चार माह में भी नहीं कर सके एक बाबू की जांच

बदायूं । परियोजना निदेशक अनिल कुमार पिछले चार वर्षों से जनपद में तैनात होने के कारण वह जानते हैं जब शासन में बैठे अधिकारी जनपद की प्रधानमंत्री आवास योजना की ख़राब स्थिति होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर सकते हैं तो इसलिए वह मुख्य विकास अधिकारी के आदेशों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं।

बताया जाता है कि तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कर्मचारियों के क्लेम समय से न किए जाने के कारण स्वयं जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में तैनात स्थापना सहायक राकेश कुमार शर्मा को कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किए, तथा परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को लिखित निर्देश दिए कि वह राकेश कुमार शर्मा के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

मुख्य विकास अधिकारी का तबादला हो जाने के बाद भी आज तक परियोजना निदेशक ने कार्यवाही का प्रस्ताव तैयार कर मुख्य विकास अधिकारी को नहीं भेजा है ।

इसके साथ ही राकेश कुमार शर्मा को अधिकारियों यहां तक कि शासन तक को गुमराह किए जाने के मामले में एक शिक़ायत की जांच जिला समाज कल्याण अधिकारी को सीडीओ के निर्देश पर दी गई थी, लेकिन तीन चार माह बीत जाने के बावजूद समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अपनी जांच आख्या सीडीओ को नहीं सौंपी गई है, इससे यह प्रतीत होता है कि समाज कल्याण अधिकारी को भी सीडीओ का डर नहीं लगता है इसलिए उनके द्वारा राकेश कुमार शर्मा के विरुद्ध की गई जांच आख्या सीडीओ को नहीं सौंपी गई है।

उल्लेखनीय है कि परियोजना निदेशक अनिल कुमार द्वारा उनके निलंबन संबंधी मामलों में उक्त कर्मचारी से अपने पक्ष में रिपोर्ट लगवाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, जिसके कारण परियोजना निदेशक उक्त कर्मचारी को हर स्तर पर बचाने का प्रयास इसलिए करते हैं कि वह उनके सर्विस संबंधी काले कारनामों का खुलासा न कर दे।

देखना यह है कि नवांगतुक सीडीओ इस मामले में क्या कारवाई करते हैं तथा दोषी कर्मचारी के खिलाफ कब कार्यवाही की जाएगी।

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