लखनऊ : भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ में पांच दिवसीय आई पी एम प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. टी बी सिंह, पूर्व निदेशक (शोध), आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, अयोध्या एवं श्रीमान् सुनील अग्निहोत्री, अपर निदेशक (कृषि रक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रीजनल सेंट्रल आई पी एम सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने अतिथि गणमान्य का स्वागत करने के साथ-साथ आई पी एम पर प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आए हुए राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए आई पी एम की वर्तमान प्रासंगिकता का संक्षिप्त वर्णन किया। श्रीमान् अपर निदेशक (कृषि रक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कृषि रक्षा इकाई से आए हुए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए यह निर्देश दिया कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् समस्त कृषि रक्षा इकाई प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में आई पी एम को बढ़ावा देने हेतु किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। गौरतलब है कि किसानों द्वारा रासायनिक कीटनाशकों के अन्धाधुन्ध एवं असुरक्षित उपयोग के कारण अत्यधिक पर्यावरणीय दुष्परिणाम के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर भी दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। मनुष्यों में कैंसर जैसी तमाम बीमारियों का एक प्रमुख कारण रासायनिक कीटनाशी का अत्यधिक उपयोग ही है। डॉ जी पी सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा रासायनिक कीटनाशी के अत्यधिक एवं गलत उपयोग के कारण फसल उत्पादन की लागत भी बढ़ रही है। रासायनिक कीटनाशी के अंधाधुंध उपयोग को कम करने के साथ रासायनिक कीटनाशी के दुष्परिणाम को रोकने एवं किसानों की आय दोगुनी करने में आई पी एम का महत्वपूर्ण योगदान है। डॉ सिंह ने बताया कि रासायनिक कीटनाशी के विकल्प के रूप में भारत सरकार द्वारा अपनाए गए एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आई पी एम) को बढ़वा देने हेतु यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *