कोंच(जालौन): नया पटेल नगर में बाबू पैलेस के पास नगर पालिका के निर्माणाधीन नाले का पानी खेतों और रिहायशी बस्ती में जा रहा है जिससे किसानों और नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस नाले की वजह से खेत तालाब बन गए हैं और बस्ती टापू में तब्दील हो गई है। समस्या के निराकरण के लिए इलाकाई बाशिंदों ने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम चांदनी सिंह को प्रार्थना पत्र देकर समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। वरोदा कलां और बिलायां गांवों से भी जलभराव की शिकायतें सामने आईं हैं।

श्याम मोहन, शराफत, राजू, भूपेंद्र, हबीब, रवींद्र कुमार, कमलेश, प्यार मोहम्मद, जितेंद्र, गयाप्रसाद, अनुज कुमार, प्रदीप, कुलदीप, गोपाल सहित दो दर्जन किसानों व इलाकाई नागरिकों ने डीएम को शिकायती पत्र देते हुए बताया है कि नदीगांव रोड पर बाबू पैलेस विवाह घर के पास नगरपालिका द्वारा नाले का निर्माण कराया जा रहा था जो पिछले कई महीनों से बंद पड़ा होने की वजह से पानी की निकासी की बड़ी समस्या बनी हुई है। उक्त नाले में ही कुछ महीनों पूर्व एक बच्चे की डूब कर मौत हो गई थी, इसके बावजूद नाला निर्माण कार्य बंद है। इधर पिछले एक महीने से लगातार हो रही बारिश में उक्त नाला लबालब होकर चल रहा है लेकिन उसका पानी नदीगांव रोड पर बने नाले के बजाए उल्टा खेतों और रिहायशी बस्ती की तरफ खोल दिया गया है जिससे किसानों के पहले से ही भरे खेत और भरकर तालाब बनते जा रहे हैं और रिहायशी बस्ती टापू में तब्दील हो गई है। अगर यह पानी खेतों में जाने से न रोका गया तो सैकड़ों किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति बन जाएगी क्योंकि खेत अगर तालाब बने रहे तो बुवाई नहीं हो पाएगी। इलाकाई बाशिंदों ने कहा है कि किसानों व नागरिकों के व्यापक हित में उक्त नाले का पानी उसके निर्धारित ड्रेनेज नदीगांव रोड पर बने नाले में डाला जाए और खेतों की ओर पानी जाने से रोका जाए। इस प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेकर डीएम ने पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन किशोर मौर्य को तलब कर समस्या का निदान करने और पूरी कार्य योजना के बाबत उन्हें अवगत कराने के कड़े निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र के गांव बिलायां के देवेंद्र कुमार, रामनारायण, लालजी कुशवाहा, साहब सिंह, उमेश चंद्र, रामप्रकाश, अखिलेश कुमार, अरविंद, पर्वत सहित लगभग आधा सैकड़ा लोगों ने संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश से पूरे मौजे में खेत लबालब भरे हुए हैं और पानी निकल नहीं पा रहा है। अगर खेत इसी तरह भरे रहे तो वह लोग बुवाई नहीं कर पाएंगे, ऐसी स्थिति में उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों ने मांग की है कि एक दूसरे के खेत से होकर पानी निकासी की व्यवस्था कराने में प्रशासन सहयोग करे तथा जिन किसानों ने पुलिया व चकरोडों को बंद कर लिया है उन्हें खुलवाया जाए। इसी तरह की समस्या वरोदा कलां गांव से भी आई है। शिवकुमार, ब्रजेश प्रजापति, जवाहर, महेश कुमार, हरिशंकर, अंकित गुप्ता, अनुराग, विनोद कुमार, कल्याण सिंह, हरपाल सिंह आदि दो दर्जन से अधिक किसानों ने संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मौजा वरोदा कलां व चमड़ा ठाकुरपुर के खेतों में भरे पानी को निकलने के लिए जगह नहीं है। खेत खाली करने के लिए जरूरी है कि उक्त पानी को अन्य खेतों से रास्ता मिले लेकिन काश्तकार अपने खेतों से पानी निकलने नहीं दे रहे हैं। किसानों ने पानी की निकासी में आने वाली बाधाओं को दूर करने की मांग की है।

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