फर्रुखाबाद , 25 नवंबर 2022 –

विशेषज्ञों ने दी ऊपरी आहार व कुपोषण प्रबंधन पर सटीक जानकारी

बच्चों को सिर्फ दाल, रोटी, चावल या खिचड़ी खिलाने से उनमें विकास नहीं होगा । सर्वांगीण और तेजी से विकास के लिए उनके आहार में विविधता लाना बहुत जरूरी है । इसके लिए सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा, सोडियम, पोटैशियम, सल्फर, मैग्नीशियम, जिंक, कैल्शियम आदि से युक्त आहार देना बहुत जरूरी है । छह माह बच्चों को स्तनपान के साथ सूक्ष्म पोषक तत्व युक्त आहार ही देना है । वहीं दो साल से ऊपर के बच्चों को किसी भी प्रकार का जंक फूड नहीं खिलाना है। इससे उनकी पाचन शक्ति पर बुरा असर पड़ेगा साथ ही उनके विकास की गति भी धीमी पड़ जाएगी और कुपोषण का शिकार हो जाएगा ।

उक्त जानकारी शुक्रवार को आयोजित हुई पोषण पाठशाला के ‘ऊपरी आहार, सही व्यवहार’ पर विशेषज्ञों की ओर से दी गई । बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम से जनपद के विभागीय अधिकारी के साथ मुख्य सेविकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया । इस सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य, पोषण विशेषज्ञ आईआईटी मुंबई से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रूपल दलाल, महाराष्ट्र से पोषण विशेषज्ञ दीपाली फरगड़े और राज्य स्तरीय प्रशिक्षक आईएम ओझा व प्रवीण दुबे की ओर से मिली जानकारी जनपद की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सहायक सिद्ध होगी जिससे वह अपने क्षेत्र में लाभार्थियों को उपही आहार के संदर्भ में सटीक जानकारी दें पांएगी । डॉ रूपल दलाल ने आहार में विविधता लाने एवं सूक्ष्म पोषक तत्व, प्रोटीन युक्त शाकाहारी व मांसाहारी, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 युक्त स्रोत के बारे में विस्तार से जानकारी दी । डॉ दीपाली फरगड़े ने छह माह से ऊपर के बच्चों के लिए विभिन्न पूरक आहार, जंक फूड नहीं खाने के बारे में जानकारी दी । ऊपरी आहार में रिस्पोंसिव फीडिंग तथा कुपोषण प्रबंधन के लिए पिता की भूमिका पर पोषण विशेषज्ञ आईएम ओझा और प्रवीण दुबे ने विस्तृत चर्चा की ।

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) भारत प्रसाद ने बताया कि जनपद के 1752 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं सहित 35 हजार से अधिक लाभार्थी पोषण पाठशाला के कार्यक्रम से जुड़े । उन्होने बताया कि पोषण अभियान के अंतर्गत निरंतर वर्चुअल पोषण पाठशाला के जरिये महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकें । पाठशाला के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण के संदर्भ में विशेषज्ञों की ओर से जानकारी आसानी से मिल जाती है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *