संवाद सूत्र, मिरहची: पानी की सही निकासी न होने के कारण शनिवार की सुबह थोड़ी सी वारिश होते ही प्राथमिक विद्यालय में तालाब जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। कीचड़ में भीगे बच्चों के घरों पर पहुंचने पर उनके अभिभावकों ने अव्यवस्था को लेकर आक्रोश व्यक्त किया।
सरकार कायाकल्प योजना के तहत प्राथमिक विद्यालयों की बिगड़ी काया को सुधारने को वचनबद्ध है, लेकिन प्रत्येक विद्यालय में कायाकल्प योजना के लाखों रूपये व्यय हो जाने के बावजूद विद्यालयों की स्थिति जस के तस बनी हुई है। शनिवार की सुबह आज वारिश हो जाने पर प्राथमिक विद्यालय द्वितीय जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी है। की स्थिति तालाब के रूप में तब्दील हो गई। स्कूली बच्चों के कमरों में पानी भर गया। स्कूल में जलभराव की स्थिति को देखते हुये प्रधानाध्यापक ने स्कूल की समय से पहले ही छुट्टी कर दी। छुट्टी हो जाने पर स्कूली बच्चों को स्कूल प्रांगण में भरे कीचड़युक्त गंदे पानी के बीच से होकर निकलना पड़ा। इस दौरान अधिकांश बच्चों के किताबों से भरे बस्ते भी भीग गये। कीचड़ से सने भीगे बस्तों के साथ घरों को पहुंचे बच्चों की हालत देखकर कुछ अभिभावकों की भौंये तन गईं। आक्रोशित अभिभावकों ने स्कूली अध्यापकों से सवाल किया कि अगर उनके बच्चे बीमार पड़े तो जिम्मेदार कौन होगा?
क्या कहते हैं जिम्मेदार
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कायाकल्प योजना के तहत ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने विकास कार्य कराये हैं। उनको कार्य कराते समय यह देखना चाहिये था कि विद्यालय प्रांगण में जलभराव की स्थिति न बने।
संजीव कुमार वर्मा-प्रधानाध्यापक
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*जलभराव से निजात दिलाने के लिये करेंगे प्रयास*
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खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय परिसर में वारिश का पानी भर जाने से उत्पन्न हुई समस्या के संबंध में ग्राम प्रधान मिरहची एवं पंचायत सचिव से बात कर जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिये प्रयास किया जायेगा।-अनिल कुमार खंड शिक्षा अधिकारी, मारहरा।
फोटो कैप्सन–प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में पढ़ने वाले बच्चे प्रांगण में बने दलदल से निकलते।