फर्रूखाबाद । प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को विकासखंड कमालगंज के गांव बलीपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित गर्भवती महिलाओं के गोद भराई कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम में उन्होंने अपने संबोधन में संस्थाओं को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का भी बोध कराया। उन्होंने कहा कि यदि संस्थाएं समाज के कमजोर वर्गों के सहयोग में आगे आए तो अमीर और गरीब के बीच की खाई पटना आसान हो जाएगी।

राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में अपने मुख्यमंत्री और मंत्री रहते वह यह कर चुकी है। वहां उन्होंने कई बड़े निगमों को एक एक जनपद को गोद लेकर वहां के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार किया था। यहां राज्यपाल रहते उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालय को आगे आकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास करने का आह्वान किया। पहला प्रयोग लखनऊ में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लखनऊ के 26 महाविद्यालयों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में सहयोग करना शुरू किया तो इसके परिणाम अच्छे मिले। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गांव के प्रधान और खाते पीते लोग आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित और टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। एक गांव में मुश्किल से ऐसे दो-चार बच्चे ही निकलेंगे। केवल चार-छह महीने के अच्छे और पौष्टिक भोजन से ही वह कुपोषण और टीबी से मुक्त हो सकते हैं। राज्यपाल ने मंच से कहा हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि अभी भी सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजा जाने वाला पुष्टाहार वास्तव में कुपोषित बच्चों के गले के नीचे तक नहीं पहुंचता है। हमें इस व्यवस्था में सुधार करना ही पड़ेगा और यह आप सब के जन सहयोग से ही संभव है। इस अवसर पर उन्होंने कई शैक्षिक संस्थानों की ओर से जनपद के 20 आंगनबाड़ी केंद्रों को सामान वितरित कराया। राज्यपाल ने जनपद में गायों के लिए गांव से रोटी एकत्र करने की योजना के लिए जिलाधिकारी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अच्छी पहल है। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिलाओं के सुरक्षित प्रसव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एक भी बच्चे या प्रसूता की प्रसव के दौरान मृत्यु न हो। शत प्रतिशत स्पेशल अस्पताल में हों। इस अवसर पर कानपुर विश्वविद्यालय कि कुलसचिव विनय कुमार पाठक ने भी राज्यपाल के अभियान की सराहना की और उनकी प्रेरणा से इस ज़िम्मेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही।

 

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