संजय शर्मा

विविधतापूर्ण आयोजनों के साथ समापन हुआ आयोजन का

बदायूं । बदायूं क्लब द्वारा विगत सात दिनों से चल रहे आज़ादी अमृत महोत्सव सप्ताह के अन्तर्गत राष्ट्रराग के अंतिम दिन देश के शहीदों के सम्मान में काव्य गोष्ठी के साथ समापन होगा। कवियों ने अपनी रचनाओं से शहीदों के त्याग को याद किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम बहादुर व्यथित ने मां सरस्वती के समक्ष दी प्रज्जवलित कर व पुष्प अर्पित कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। सभी कवियों का क्लब की ओर तिरंगा पट्का पहनाकर सम्मान किया गया। डॉ. कमला माहेश्वरी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। अभिषेक अनंत ने कहा, तिरंगा तेरी शान में लिखे हम भला क्या बता, रहें न रहें हम मगर रहे शान इसकी सदा।

क्लब के सचिव डॉ. अक्षत अशेष ने कहा, आज़ादी की पावन जयन्ती पर कामना है, हर भारतीय की प्रसन्नता बनी रहे, खण्ड खण्ड मातृभूमि फिर से अखण्ड बने, देश की अनेकता में एकता बनी रहे। शराफत समीर ने कहा, ऊपर भगवा नीचे धानी, बीच में अम्न का रंग सफेद,न कोई झगड़ा न कोई दंगा, बहे प्रेम की निर्मल गंगा। कार्यकम के मुख्य अतिथि रमाकांत तिवारी ने कहा, वतन पे जां निसार है वतन के काम आयेंगे, इस जमी को इक दिन आसमां बनायेंगे। युवा कवि अरविंद कश्यप ने कहा, हम भारत मां के बेटे है शरशैय्या पर भी लेटे हैं, भीषण करते मार काट और क्षमा भी देते हैं। अमन मयंक शर्मा ने कहा, ऐसी कुछ आन बान हमारे वतन की है, आकाश तक उड़ान हमारे वतन की है। अहमद अमजदी ने कहा, आदमी इंसानियम का जब निशां बन जायेगा, खुशबुओं से फिर मुअत्तर ये जहां बन जायेगा। शम्स मुजाहिदी ने कहा, मादरे हिन्दोस्तां तेरा कोई सानी नहीं, मांग में भरती है सोना तेरे सूरज की किरन। डॉ. कमला माहेश्वरी ने कहा, उन अमर शहीदों को मरे शत शत प्रणाम नत हो प्रणाम। विवेक मिश्रा ने कहा, हमारी जान से प्यारा हमें अपना तिरंगा है, यही पूजा नमाज़ अपनी यहीं ज़म ज़म है गंगा है। अध्यक्षता कर रहे डॉ. राम बहादुर व्यथित ने अंत में कहा, वतन की आन लिखता हूं, चमन की शान लिखता हूं, लहू की रोशनाई से मैं हिन्दुस्तान लिखता हॅंू। कार्यक्रम के अंत में सभी ने इतिहास एवं डाक टिकट प्रदर्शनी का अवलोकन कर सराहा। संचालन अभिषेक अनंत किया एवं आभार रविन्द्र मोहन सक्सेना ने प्रकट किया। इस अवसर पर नरेश चन्द्र शंखधार, अनिक शर्मा, मनीष सिंघल, संजय रस्तोगी, आयेन्द्र प्रकाश, प्रपंच जौहरी, विकास आहूजा, रुपिन्दर सिंह लाम्बा, वेद त्रिवेदी, सुमित गुप्ता, इजहार अहमद, इकबाल असलम, उर्मिलेश पाठक आदि उपस्थित रहे।

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