पोषाहार के वितरण में भी पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश
फर्रुखाबाद । कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार को देखते हुये आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने की स्थिति में शासन के निर्देश पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को लाभार्थियों के घर तक पुष्टाहार पहुँचाने के निर्देश दिए गये हैं।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक डा.सारिका मोहन का कहना है कि नवजात शिशु, अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चे (सैम/मैम) तथा गर्भवती में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसे में इनकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। इसके लिए जरूरी है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने की स्थिति में लाभार्थियों के घर तक पुष्टाहार पहुंचाने की व्यवस्था की जाए । इसके लिए यह भी जरूरी है कि इस कार्य से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका भी इस दौरान पूरी तरह से सतर्कता बरतें । पोषाहार के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग,मास्क का प्रयोग अनिवार्य रुप से करें ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया कि पुष्टाहार के सेवन से गर्भवती, धात्री महिलाओं व अतिकुपोषित बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। इससे कोरोना से भी बचाव होगा। शासन के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पोषाहार का वितरण के साथ-साथ गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान जरूरी पोषण व अन्य रखी जाने वाली सावधानियां, समय पर टीकाकरण व जांच आदि की जानकारी देने के अलावा गर्भावस्था के पूरे समय में अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम, व डाक्टरों के संम्पर्क में रहने की सलाह भी देंगी |
भारत प्रसाद ने बताया कि जिले में इस समय 1752 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहाँ पर 5465 कुपोषित और 2304 अतिकुपोषित बच्चे चिन्निहित किये गए जिनकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा देख रेख की जा रही है |
घर-घर पहुंचाएंगी जरूरी सन्देश :
-पुष्टाहार वितरण के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका सही से मास्क पहनने के तरीके बताएं , जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
-गर्भवती धात्री महिलाओं अथवा बच्चों में या परिवार के किसी अन्य सदस्य में कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत विभाग को जानकारी दें।
-एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाये रखें
– खांसते-छींकते समय रूमाल या टीश्यू पेपर का इस्तेमाल करें।
-यदि बच्चे ने छह माह पूर्ण कर लिया हो तो एक दो चम्मच से शुरुआत करते हुए आहार की मात्रा बढ़ाएं।साथ ही स्तनपान जारी रखें।