बहुजन समाज के महानायक मा कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को खवासपुर गांव जिला रोपड़ पंजाब राज्य में हुआ था । आपके पिता का नाम श्री हरि सिंह और मां का नाम विशन कौर जोकि पंजाबी सिख परिवार में जन्मे थे । आपके दो भाई और चार बहने थी । आपने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा ग्रामीण स्तर पर प्राप्त की , उच्च शिक्षा 1956मे पंजाब विश्वविद्यालय से प्राप्त करके 1958 में आप पुणे में स्थित डीआरडीओ में आरबीएल असिस्टेंट वैज्ञानिक के पद पर नौकरी करने लगे। आपने बचपन से ही सामाजिक और मानसिक पीड़ा को झेला था । आप स्पष्ट वादी और वैज्ञानिक सोच के थे।

मान्यवर कांशीराम त्याग के प्रतीक थे । आपने जब 14 अप्रैल की विभाग में छुट्टी नहीं की और काम पर बुला लिया तो अपने साथी दीनाभाना के साथ मिलकर ऑफिस में ही अनशन पर बैठे और बाबा साहब के जन्म की छुट्टी कराली । आपका मानना था कि जब सरकार ने 14 अप्रैल को छुट्टी घोषित की है तो उसका लाभ हमें भी मिलना चाहिए। दीनाभाना ने मान्यवर कांशीराम जी के लिए एक पुस्तक भेंट की जिसे बाबा साहब ने लिखा था “इनहिलेशन ऑफ कास्ट” जिसे पढ़कर मान्यवर कांशीराम का विचार बदल गया।

मान्यवर कांशीराम शपथ ली कि मैं कभी घर नहीं बसाउगा। मैं कभी शादी विवाह या मृत्यु भोज में नहीं जाऊंगा । बहुजन समाज ही मेरा परिवार है । मैं अपने लिए कोई धन संपत्ति अर्जित नहीं करूंगा । मैं लौटकर कभी घर नहीं जाऊंगा । आपने संकल्प लिया और उस पर खरे उतरे। आपने 1978 में बामसेफ बनाई । आपने 6 दिसंबर 1981 को डी एस एस एस एस (डी एस- 4) बनाकर घोषणा कि “ब्राह्मण, बनिया, ठाकुर छोड़ बाकी सब हैं डी एस 4 ” आपने 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी बनाई जोकि 100% राजनीतिक दल था। बामसेफ जिसका शाब्दिक अर्थ था बैकवर्ड एंड माइनारटीज कम्युनिटीज एंप्लाइज फेडरेशन यहां पर बैकवर्ड का अर्थ सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक तथा राजनीतिक रूप से पिछड़े होना है बैकवर्ड शब्द मैं शूद्र जिसमें (मराठा यादव लिंगायत जाट गुर्जर सहित 3743 जातियां) कुल जनसंख्या का 52% लोग आते हैं। और अति पिछड़े शुद्र शेड्यूल कास्ट 15% शेड्यूल ट्राइब्स 7.50% है। यहां पर माइनारटीज कम्युनिटी शब्द का अर्थ है भारत के मुस्लिम सिख बुद्धिस्ट जैन कृश्चियन तथा धर्म परिवर्तित अल्पसंख्यक जातियां हैं।

आपका मानना था कि 85% लोगों के ऊपर 15% शासन कर रहे हैं। अर्थात सवर्ण लोग गैर सवर्ण लोगों पर शासन करते आ रहे हैं। जबकि देश में गैर सवर्ण लोग 85% हैं अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा नहीं चलेगा का नारा दिया । आपने कहा कि जो बहुजन की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। आपका मानना था कि सिर्फ प्राण निकलने पर ही मौत नहीं होती बल्कि वह भी मरे हुए लोग होते हैं जो अपने हक अधिकारों को खामोशी से खत्म होते हुए देखते हैं । “जब कोई शूद्र हवन यज्ञ और पूजा पाठ करने लगे तो तुरंत समझ जाना उसके पास औकात से ज्यादा धन आ गया है । ” यह ज्योतिबा फुले का सोचना था जिस पर मान्यवर कांशीराम ने अमल किया।

मान्यवर कांशीराम का मानना था कि भारत में राजनीतिक दलों की कमी नहीं है सभी दलों ने रोटी कपड़ा और मकान की बात की है किंतु काम नहीं किया। हमारी सरकार बनने पर हम कार्य करके दिखाएंगे। उत्तर प्रदेश में जब बीएसपी की सरकार बनी तो बीएसपी सरकार ने एक मिशाल कायम की। बसपा सरकार में शासन प्रशासन को उसकी वास्तविक कार्यशैली ढाला और अपराधों पर अंकुश लगाया अपराधी या तो जेल में रहे या फिर प्रदेश छोड़कर दूसरे प्रदेशों में भाग गए। भूमिहीनों को भूमि दिलवाई और आवास मान्यवर कांशीराम आवास योजना के तहत लाखों लोगों को आवास दिलवाए।

मा कांशीराम का मानना था कि भारत में सर्वाधिक अत्याचार शोषण और अमानवीय कृत्यों को झेलने वाले एससी एसटी और ओबीसी के लोगों को सामाजिक आर्थिक धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में समानता मिलनी चाहिए।

मान्यवर कांशीराम की आस्था बौद्ध धर्म में थी क्योंकि बौद्ध धर्म जातिविहीन समाज की बात करता है ,समतामूलक समाज की बात करता है ,वैज्ञानिक, तर्कसंगत आडंबरहित, अंधविश्वासरहित समाज की बात करता है।आपकी विचारधारा अंबेडकरवादी दलित चिंतकों की विचारधारा से हटकर थी इनकी इस विचारधारा के विरुद्ध प्रतिक्रियाएं भी बहुत आए लेकिन बिना रुके देश के कोने कोने में अपनी बात को बताते रहे। हर मंच से बौद्ध धर्म के संबंध में अपने व्यक्तिगत मौलिक विचार व्यक्त करते थे आप कहां करते थे कि यदि बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाना है तो जाति को बौद्ध धर्म से दूर रखना जरूरी है । बहुजन समाज का निर्माण किए बिना हम बौद्धमय भारत का निर्माण नहीं कर सकते। हम शासक बन कर ही भारत को बौद्धमय बना सकते हैं । मेरे सपनों का भारत सम्राट अशोक का भारत है।

मा कांशीराम ने अनशन के ऊपर अपने विचार रखते हुए कहा कि यदि व्यक्ति अनशन पर रहेंगे तो उनकी हानि हो सकती है जब हम जीवित ही नहीं रहेंगे तो महाबोधि महाविहार कैसे प्राप्त करेंगे महाबोधि महाविहार प्राप्त करना है तो अनशन को समाप्त करना ही होगा।

मान्यवर कांशीराम अपने साथियों से कहा कि आप लोग लोगों ने जो सम्राट अशोक के नाम पर इस बस्ती का नाम दिया है इस देश में बराबरी लाने के लिए सब इंसान बराबर प्रयास करें और सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश के हर इंसान में बराबरी लाने की जो लोग कोशिश करेंगे मैं समझता हूं कि उन लोगों को सम्राट अशोक के जमाने से बहुत कुछ सीखना होगा । हमारे संविधान में राजनीतिक क्षेत्र में बराबरी है एक आदमी का एक वोट है एक वोट की एक कीमत है लेकिन संविधान निर्माता सिर्फ राजनीतिक बराबरी से खुश नहीं थे उन्होंने 26 नवंबर 1949 को कांस्टीट्यूशन असेंबली में संविधान बनाने वाली असेंबली में एक प्रस्ताव रखा जिस तरह से हम लोग राजनीति में बराबरी लाए हैं इसी संविधान के माध्यम से उसी तरह से हमें सामाजिक और आर्थिक दिशा में भी बराबरी लानी होगी अगर सामाजिक और आर्थिक दशा में गैर बराबरी चलती रही तो लोग इस गैर बराबरी के खिलाफ उठकर खड़े होंगे और गैर बराबरी को हटाकर मिटाकर सामाजिक और आर्थिक दशा में भी बराबरी लाने की कोशिश करेंगे।मान्यवर साहब का कहना था कि जिन लोगों को जिंदगी के हर क्षेत्र में बराबरी लाने की चाहत है तो उन लोगों को सम्राट अशोक के जमाने से बहुत कुछ सीखना होगा। बहुजन समाज पार्टी में हम लोग बहुत कुछ सीखने की कोशिश कर रहे हैं बहुत लंबे अरसे तक बहुजन समाज पार्टी नॉर्थईस्ट इंडिया में बढ़ती रहें जम्मू कश्मीर पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश इन 5 प्रदेशों में मान्यता प्राप्त करके नेशनल पार्टी 1996 में बनी जो कि आज भी है। आज बसपा उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर पंजाब हरियाणा तेलंगाना कर्नाटक बिहार सहित कई राज्यों में अपना वजूद कायम किए हुए हैं।

मान्यवर साहब बौद्ध धर्म से अत्यधिक प्रभावित थे वह भारत को बौद्धमय बनाने का सपना देखते थे । आप 2006 में बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर को बौद्ध धर्म अपनाएं 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे जिसकी 2006 में गोल्डन जुबली होगी जब गोल्डन जुबली होगी तो मुझे भरोसा है कि मैं बौद्ध बनूंगा अकेले उत्तर प्रदेश में ही कम से कम तीन करोड़ लो मेरे साथ बौद्ध बनेंगे क्योंकि बौद्ध धर्म समतामूलक समाज व्यवस्था की बात करता है अर्थात इसमें जाति और वर्ग विहीन समाज पाया जाता है । यहां पर मानव मानव की समानता की बात की जाती है।

मान्यवर कांशीराम का मानना था कि बहुत से बुद्धिस्ट लोग बातें तो बहुत लंबी-लंबी करते हैं लेकिन वह उन मनु वादियों में घुसे रहते हैं जो बुद्धम शरणम गच्छामि की जगह मनु शरणम गच्छामि की बात करते हैं हमारी उत्तर प्रदेश की सरकार ने बहुत से महत्वपूर्ण फैसले लॉर्ड बुद्धा के आदर् सम्मान में लिए है। नए जिलों ,नई तहसीलों, ब्लॉकों और नई सड़कों के नाम रखकर बौद्ध संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है।

मा कांशीराम का मानना था कि “जिस दिन बहुजन समाज का व्यक्ति जाग जायेगा , शिक्षित हो जायेगा और पढलिखकर नौकरी पाकर अपने साथ साथ अपने घर, परिवार और समाज को देखना शुरू कर देगा उसी दिन से बहुजन समाज के आगे बढ़ना शुरू कर देंगे।”

मान्यवर कांशीराम आज इस दुनिया में नहीं है । आपका महापरिनिर्वाण 9 अक्टूबर 2006 को हो गया था किन्तु आपके मानवतावादी विचार आज भी प्रासंगिक है । बहुजन समाज के लोगों के दिलों में हैं। आपने जीवन भर मानवता , इंसानियत और बहुजन समाज के हित में संघर्ष किया । आपका बहुजन समाज के विकास में अतुलनीय योगदान रहा। इसलिए आप बहुजन समाज के महानायक हैं।

लेखक

सत्य प्रकाश

(प्राचार्य )

डॉक्टर बी आर अंबेडकर जन्म शताब्दी महाविद्यालय धनसारी अलीगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *