*बदायूं समाचार*

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा नगर और ग्रामीण क्षेत्रों को दीपावली के त्यौहार में निर्वाध 24 घंटे बिजली चलाने का आदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को दिया गया है वहीं बिजली चलाने का कार्य करने वाले आउट सोर्स संविदा कर्मचारियों का ठेका जनपद बदायूं में मैसर्स ओरियन सिक्योरिटी सलूशन प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली की कंपनी को दिया गया है आज सुरक्षा उपकरणों के अभाव में जिले में बारी बारी से ती दुर्घटनाएं घटित हुई है

विद्युत उपकेंद्र रसोली पर कार्यरत पवन कुमार के सुबह 8:00 बजे कार्य करते समय अचानक करंट दौड़ जाने से बुरी तरह झुलस गया वही 8:15 बजे विद्युत उपकेंद्र नागरझूना पर कार्यरत वीरपाल कार्य करते समय अचानक करंट दौड़ जाने पर बुरी तरह झुलस गया वही दोपहर 2:00 बजे विद्युत केंद्र उझानी ग्रामीण पर कार्यरत संविदा कर्मचारी प्रमोद कार्य करते समय अचानक करंट दौड़ जाने पर प्रमोद कुमार बुरी तरह झुलस गया वही अवर अभियंता श्यामवीर विद्युत उपकेंद्र उझानी ग्रामीण पर तैनात ने झुलसे संविदा कर्मचारी प्रमोद को प्राथमिक उपचार कराने के बाद डरा धमका कर उसके घर भेज दिया और कहा कि किसी को कुछ बताना मत उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है पैसे का अभाव होने के कारण अपने घर पर पड़ा हुआ है। वही आपको बताते चलें कि पवन कुमार की गंभीर स्थिति होने के कारण मेडिकल कॉलेज बदायूं के द्वारा बरेली रेफर किया गया है। संविदा कर्मचारियों के द्वारा 26 सितंबर से विभिन्न मांगों को लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर आंदोलन किया जा रहा था जिसको सिटी मजिस्ट्रेट बृजेश कुमार सिंह के द्वारा 19 अक्टूबर को 29 अक्टूबर तक का आश्वासन देकर समाप्त करा दिया था जिसमें संविदा कर्मचारियों के द्वारा सुरक्षा उपकरणों की भी मांग की जा रही थी आजकल यह घटना सुरक्षा उपकरण के अभाव में हो रही है वही विद्युत विभाग के द्वारा लाइनों का जाल बिछा हुआ है क्योंकि निजी नलकूप हेतु अलग लाइनें हैं और गांव के लिए अलग लाइने बना दी गई है जिससे एक दूसरे की लाइनों का क्रासिंग बना हुआ है इसी कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार ने बताया कि कार्यदाई संस्था के द्वारा संविदा कर्मचारियों का ईएसआई का रुपया काटा जाता है लेकिन ईएसआई के माध्यम से संविदा कर्मचारियों का इलाज नहीं हो रहा है क्योंकि किसी भी संविदा कर्मचारी को ईएसआई कार्ड उपलब्ध ही नहीं कराया गया है और ना ही कार्यदाई संस्था के द्वारा किसी संविदा कर्मचारी को ईएसआई से संबंधित अस्पताल में भर्ती कराया जाता है जिस कारण संविदा कर्मचारियों की इलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है वही दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण सुरक्षा उपकरण है। जिले में बारी बारी से आज तीन दुर्घटना होने के बाद भी किसी नेविभागीय अधिकारी ने किसी भी संविदा कर्मचारी की सुधि नहीं ली है और ना ही कार्यदाई संस्था के द्वारा इलाज कराने के लिए कोई व्यवस्था की है

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