संवाद सूत्र, मिरहची: जल संचयन के प्रति सचेत नहीं हुये तो 30 वर्ष पश्चात होगी परेशानी

राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन योजना के तहत मानव विकास एवं सेवा संस्थान के संयोजन में ब्लाक सभागार में ग्रामीण लोगों को जल संचयन के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि हम अभी से जल की छोटी छोटी बचत करना शुरू नहीं करेंगे, तो आगामी 30 वर्षों के अंतराल में हम सभी को पानी की बूंद.बूंद के लिये भटकना पड़ेगा।

दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ जिला पंचायत सदस्य बंटी राजपूत ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर छोटे घड़े से बड़े घड़े में जल करके किया। ग्राम पंचायतों पर तैनात रोजगार सेवकों और पंचायत सहायकों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुये जल जीवन मिशन के जिला समन्वयक नीतेश बाजपेई ने कहा कि हम सभी को अभी से जागरूक होकर पानी की छोटी छोटी बचत शुरू कर देनी चाहिये क्योंकि हमने अभी से पानी की बचत नहीं की तो आगामी भविष्य में हम सभी को बूंद- बूंद पानी के लिये तरसना पड़ेगा। प्रशिक्षक प्रशांत पाठक ने अच्छे, खारे व दूषित पानी पीने के लाभ हानि से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने पानी में नाइट्रोजन की उपलब्धता बढ़ जाने के कारण पानी कोलस्ट्रोल, कैंसर, मूत्राशय एवं स्तन कैंसर व थायराइड जैसै खतरनाक रोग हो सकते हैं। इसलिये समय समय पर अपने घर के पानी की जांच कराते रहना चाहिये। उन्होंने बताया कि इसीलिए ही सरकार गांव गांव पानी की टंकी लगाकर गरीब अमीर को शुद्ध जल की सप्लाई मिल सके। दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुये अतिथि जिला पंचायत सदस्य बंटी राजपूत ने कहा कि हम सभी को आज शपथ लेनी होगी कि हम सभी पानी की छोटी छोटीक्षबचत करना सीखें क्योंकि आगामी भविष्य में हमको जल संकट का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि आजकल समर पंप द्वारा घर घर जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है। जो कि सोचनीय श्रेणी में आता है। अपने संबोधन के माध्यम से जन प्रतिनिधि ने जल संचयन के बारे में समझते हुये बताया कि टंकी के माध्यम से सरकार ने प्रति व्यक्ति पानी का व्यय 55 लीटर बताया है अगर फिर भी हम इससे अधिक जल दोहन करते हैं तो वह गलत है। दो दिवसीय कार्यशाला को प्रशिक्षक विष्णु पचौरी, कॉर्डिनेटर दीपक, हिमांशु, दुर्गेश और विनय कुमार ने भी संबोधित किया।

 

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