BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

शहरी क्षेत्रों के उचित दर विक्रेता तो पहले से ही पॉस मशीन से वितरण कर रहे थे उसी तरह अब ग्रामीण कोटेदारों के हाथों में भी मशीने पकडा दी है।

पहले माह में ही अधिकाँश कोटेदार परेशान हैं तो कार्डधारक भी कोटे की दुकान पर चक्कर काट काट के परेशान हैं कभी बच्चों को लेजाते तो कभी पत्नी को तो कभी बृद्ध महिलाओं को डनलप और बैलगाड़ी से दुकान पर अंगूठा लगाकर राशन लेने जाना पडा।

आज कुछ कोटेदार मशीनों को लेकर पूर्ति कार्यालय दातागंज पर पहुंचे जो शिकायत करते नजर आए कि राशन बंट गया लेकिन मशीन वितरण शो नहीं कर रही तो कुछ कह रहे कि बहुत से गरीब कार्ड धारकों को राशन नहीं दे पाए क्योंकि कभी नेटवर्क नहीं था तो कभी वितरण अधिकारी की मौजूदगी नहीं।

बहराल सच कहूँ तो गरीबों को मिलने बाला खाद्यान्न अब जरूरी नहीं कि गरीब को आसानी गरीब को मिलेगा पूरे दिन का समय खो कर जहां मजदूर व्यक्ति अपनी मजदूरी भी खो कर दुकान पर अपने नंबर का इन्तजार करता उसके बाद भी यह गारन्टी नहीं कि वह खाद्यान्न लेकर ही जाएगा। कुछ महिलीएं तो बच्चों को गोद में उठाकर कोटे की दुकान पर इन्तजार करती नजर आयीं।

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