गोरखपुर, एजेंसी  । गोरखपुर में चौरी-चौरा जनप्रतिशोध दिवस के सौ वर्ष पूरा होने पर गोरखपुर में आयोजित चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। पीएम मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इस कार्यक्रम को संबोधित किया जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ में राजभवन से इस कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़ी। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के चौरी-चौरा शहीद स्थल पर मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने चौरी-चौरा पर डाक टिकट जारी करने के बाद शताब्दी महोत्सव को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के साथ विश्व भी बीते वर्ष कोरोना वायरस के कहर के कारण काफी प्रभावित हुआ। अब यह वर्ष सपनों को साकार करने का तथा सशक्त भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने का है। हमने जो विकास की यात्रा शुरू की है वह नए भारत के निर्माण पर पूरी होगी। हमें यह याद रखना होगा कि देश की स्वतंत्रता तथा देश का सम्मान सबसे बड़ा है।

पीएम मोदी ने अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए भोजपुरी में कहा कि सब के प्रणाम करत बाटी। देवरहवा बाबा के आशीर्वाद से ही दिला आगे बढ़त बा। देवरहवा बाबा की धरती पर चौरी चौरा के महान लोगन क स्वागत करत बाट। आप सबै के नमन करत बाटी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना महज एक आगजनी की घटना नहीं थी। यह तो लोगों के दिलों की आग थी। इसका संदेश बड़ा व्यापक था। इसे हमेशा आगजनी के रूप में देखा गया लेकिन आज यहां पर जो हो रहा है, उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम बधाई का पात्र है। चौरी चौरा की शहादत के 100 वर्ष पूरे होने पर प्रदेश ही नहीं देश भर में पूरे वर्ष कार्यक्रम आयोजित होंगे। ऐसे समय में जब देश आजादी के 75 वर्ष मनाने जा रहा है, इस कार्यक्रम की प्रासंगिकता बढ़ जाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि चौरी चौरा की जितनी चर्चा होनी चाहिए थी, नहीं हुई। इतिहास के पन्नों में भले ही इसे प्रमुखता ना दी हो लेकिन सेनानियों ने आजादी के लिए अपना खून देश की माटी में मिलाया है। यहां पर सक्रिय रहे अलग-अलग लोग, अलग-अलग जगह अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि लेकिन एक बात समान थी सब मां भारती की संतान थे। संभवत: ऐसी घटनाएं हुई हो परंतु ऐसी एक घटना में 19 लोगों को फांसी पर चढ़ा दिया गया। अंग्रेजी हुकूमत लोगों को फांसी पर चढ़ाने पर तुली हुई थी लेकिन बाबा राघव दास और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से 150 से अधिक लोगों को फांसी से बचा लिया गया। आज का दिन बाबा राघव दास और महामना को याद करने का भी है। उन्होंने कहा कि अब तो छात्रों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। वह इतिहास पढ़ेंगे और इतिहास के अनछुए पहलुओं को जानेंगे। इस पर तो शोध आमंत्रित किए गए हैं।

आग थाने में नहीं लगी थी, जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित थी:

पीएम मोदी ने कहा कि वहां पर आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है। सौ वर्ष पहले चौरी-चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, चौरी-चौरा का संदेश बहुत बड़ा था। अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी-चौरा की बात हुई उसे एक मात्र मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया, लेकिन आगजनी की क्या वजह थी, यह भी महत्वपूर्ण है।

चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं। इसके पहले प्रधानमंत्री ने स्वरक्ते स्वराष्ट्रम रक्षे ध्येय वाक्य के साथ चौरी चौरा शताब्दी वर्ष पर डाक टिकट जारी किय।

प्रगति का सबसे बड़ा आधार किसान:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारे किसान भी रहे हैं। यहां के चौरी-चौरा संग्राम में हमारे किसानों की सबसे बड़ी भूमिका थी। किसान आगे बढ़ें, आत्मनिर्भर बने इसके लिए पिछले छह वर्ष में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया गया है। इसका सीधा लाभ देश के किसान हो होगा। यह सभी फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, कृषि को लाभ का व्यापार बनाएंगे। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा।

बजट मे नहीं थोपा गया कोई बोझ:

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया। बल्कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज़्यादा से ज़्यादा खर्च करने का फैसला लिया है। यह खर्च देश में चौड़ी सड़के बनाने के लिए होगा। देश तथा प्रदेश में नई बसें और रेल चलेगी, युवाओं को ज़्यादा अच्छे अवसर मिले उसके लिए बजट में अनेक फैसले लिए हैं।

दुनिया भर को वैक्सीन दे रहा है भारत:

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है। भारत मानव जीवन की रक्षा के लिए दुनिया भर को वैक्सीन पहुंचा रहा है। तो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस होता होगा। आज से शुरू हो रहे कार्यक्रम पूरे साल आयोजित होंगे। इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा। देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, उस समय ऐसे समारोह का होना इसे और भी प्रासंगिक बना देता है।

हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं : आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस शताब्दी महोत्सव का जो लोगो जारी किया गया है वो ‘स्वरक्तै: स्वराष्ट्रं रक्षे’ अर्थात हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं यानी ‘तेरा वैभव अमर रहे मां, हम रहें न रहें’  का भाव लिए हुए है। चौरी-चौरा में देश की स्वाधीनता के लिए अमूल्य संघर्ष प्रारम्भ हुआ था, जिसमें पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में तीन स्वतंत्रता सेनानी बलिदानी हो गए थे। इसके उपरांत 228 सेनानियों पर ब्रिटिश हुकूमत ने मुकदमा चलाया था। जिसमें 19 को मृत्युदंड, 14 को आजीवन कारावास दिया गया था। आज का यह आयोजन हम सभी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि हम सभी इन आयोजनों के माध्यम से स्वदेशी, स्वावलम्बन व स्वच्छता की ओर अग्रसर हो सकेंगे। आज प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्मारक पर पुलिस बैंड से राष्ट्रभक्ति के गीतों एवं दीपोत्सव का कार्यकम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। आज से प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों व स्थलों पर, 1857 से 1947 के बीच व स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अॢपत करने के लिए अगले एक वर्ष तक कार्यकम आयोजित किए जाएंगे। चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन आदरणीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं उनकी प्रेरणा से हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि 4 फरवरी, 1922 को गोरखपुर के चौरी-चौरा नामक स्थान पर एक ऐतिहासिक घटना हुई थी। इससे ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा मिली थी। यह महोत्सव हमारे लिए भारत माता के उन सभी बलिदानियों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान व्यक्त करने का एक समारोह है।

 

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