संजय शर्मा
-प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या पहुंचने पर अयोध्यावासियों ने प्रज्ज्वलित किए दीप
बदायूं। उझानी नगर के समीपवर्ती गांव तेहरा में मेरे राम सेवा समिति तेहरा की ओर से चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के नौवें दिन समापन हो गया। जयंत के मन में भगवान श्रीराम माता सीता के प्रति संदेह, जटायु मिलन, शूपर्णनखा के नाक कान, सीता हरण, मामा मारीच स्वर्ण मृग, जटायु रावण युद्ध, हनुमान जी द्वारा समुद्र लांघकर लंका जाना, लंका दहन, नल नील द्वारा समुद्र सेतु बनाना, लंका पर चढ़ाई, राम रावण युद्ध, लक्ष्मण शक्ति, रावण वध, विभीषण का राजतिलक, अयोध्या संदेश, भगवान श्रीराम पुष्पक विमान द्वारा अयोध्या पहुंचने पर दीपप्रज्ज्वलन आदि की कथा हुई। कथावाचक सामाजिक संत श्री रवि जी समदर्शी महाराज ने कहा कि युवा शक्ति दिग्भ्रमित न हों। एकता और अनुशासन से हर श्रेष्ठ कार्य संभव होंगे। युवा अपनी शक्ति और सामर्थ्य को पहचानें, वीर हनुमान जी जैसे ऊंचे दर्जे के कार्य करें। बच्चों को श्रेष्ठ मार्गदर्शन और श्रेष्ठ संस्कार देंगे तभी हमारे घर और गांव तीर्थ बनेंगे।
उन्होंने कहा कि मारीच ने स्वर्ण हिरन बनकर सीता को आकर्षित किया। माता सीता ने भगवान श्रीराम से सोने के हिरन को पकड़ने आग्रह किया। जब श्रीराम हिरण को पकड़ने गए। उसी समय रावण साधु रूप में आया और सीता का हरण कर लिया। सीता के नहीं मिलने पर श्रीराम उनकी खोज करते-करते जटायु के पास पहुंचे और जटायु ने सीता हरण की जानकारी दी। रावण के साथ हुए युद्ध में जटायु घायल हो गया। भगवान श्रीराम ने जटायु को मोक्ष दिया। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम-सुग्रीव की मित्रता के बाद भगवान श्रीराम ने सुग्रीव के सहायता का वचन दिया। इसके बाद हनुमान जी समुद्र लांघकर लंका पहुंचे और सीता की खोज की। हनुमानजी ने लंका जलाकर रावण का घमंड भी तोड़ा। हनुमानजी ने सीता के सामने श्रीराम की दी हुई अंगूठी दिखाकर अपना परिचय दिया। माता सीता की आज्ञा से अशोक वाटिका के फल खाने के बहाने हनुमान जी वृक्षों पर उछल कूद करने लगे। हनुमानजी ने सैनिकों और राक्षसों का वध किया। भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध हुआ। भगवान श्रीराम ने अहंकार रूपी रावण का वध किया। विभीषण के राजतिलक के बाद लंका का राजा बनाया। इसके बाद पुष्पक विमान से भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या पहुंचे। जहां अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत किया। देवाचार्य ने वेदमंत्रोंच्चारण कर पूजन कराया। मुख्य यजमान ओमवीर यादव यजमान रहे। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने आरती की। इस मौके पर राजकुमार शर्मा, सजनी शर्मा, अजीत प्रताप सिंह, राहुल अग्रवाल, स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता, राकेश शाक्य, राकेश राठौर, जितेन्द्र राठौर, मुन्नू ठाकुर, सत्येंद्र चौहान, रोनी सक्सेना, ओमवीर सिसौदिया, हिमांशु गुप्ता, पोषाकी लाल यादव, हरिओम यादव, शकुंतला देवी, आशा देवी, राखी, गुड्डी, सहायता शर्मा, जूही चौहान, दीप्ति तिवारी आदि मौजूद रहीं।