लखनऊ, एजेंसी। यूपी में कोरोना के नए वैरिएंट ‘कप्पा’ से संक्रमित रोगी के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। यह पहला मामला है जब इस वैरिएंट के दस्तक देने की जानकारी मिली है। शासन ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज माइक्रोबायोलाजी विभाग से इस वैरिएंट से संक्रमित रोगी के संपर्क में आए लोगों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। संपर्क में आए सभी लोगां के सैंपल लेकर उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर ही इससे बचाव के लिए सख्त उपाए किए जाएंगे।
इससे पहले बुधवार को गोरखपुर में एक महिला रेजीडेंट डाक्टर व देवरिया के बुजुर्ग व्यक्ति के डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब कप्पा वैरिएंट को लेकर पूरी सर्तकता बरती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का नया वैरिएंट आरएनए वायरस है और वातावरण में म्यूटेंट करता रहता है। इसका विस्तार तेजी से होता है। महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डा. डीएस नेगी कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाए किए जा रहे हैं और बड़ी संख्या में सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है।
कोरोना के सक्रिय केस के मामले में यूपी 21वें नंबर पर
देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य यूपी में कोरोना के अब 1789 रोगी हैं। सक्रिय केस के मामले में प्रदेश 21वें स्थान पर है। कम जनसंख्या वाले राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक व केरल में तो हर दिन इतने नए रोगी मिल रहे हैं। राज्य सरकार की ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट की नीति कारगर साबित हो रही है। हर दिन यहां ढाई लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। करीब 72 हजार निगरानी कमेटियों की मदद से घर-घर जाकर लोगों को चिन्हित किया जा रहा है और समय पर उन्हें इलाज दिलाया जा रहा है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1.14 लाख सक्रिय केस हैं। केरल में 1.10 लाख व कर्नाटक में 38,729 मरीज हैं। तमिलनाडु में 34,076 व आंध्र प्रदेश में भी 31,850 सक्रिय केस हैं। यूपी में बीते ढाई महीने से लगातार नए मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या अधिक रहती है। 98.6 प्रतिशत रिकवरी रेट और 0.04 फीसद पाजिटिविटी रेट है। कोरोना मैनेजमेंट में यूपी सफल साबित हो रहा है।