लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 में संशोधन किया गया है। नीति के तहत प्रविधानों के क्रियान्वयन व निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय इंपावर्ड समिति गठित होगी। मुख्य सचिव के व्यस्त होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त राज्य स्तरीय इंपावर्ड समिति की अध्यक्षता करेंगे। विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव इस कमेटी के सदस्य जबकि प्रमुख सचिव, सचिव दुग्ध विकास विभाग कमेटी के संयोजक सचिव होंगे। दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उद्योग संघों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। इसी तरह मंडल स्तर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित होगी, जिसमें मंडल के सभी जिलों के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के साथ-साथ मंडल के संबंधित विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे।

मंडलीय दुग्धशाला विकास अधिकारी कमेटी के सदस्य-सचिव होंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 की तरह दुग्ध नीति की निगरानी के लिए मंडल स्तरीय निगरानी समिति में नौ सदस्यों को व्यापक गुणवत्तापरक निगरानी के लिए शामिल किया जाएगा। नीति के तहत पूंजी निवेश के प्रस्तावों का कार्यान्वयन उप दुग्धशाला विकास अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय क्रियान्वयन निगरानी समिति गठित की जाएगी, जिसमें जिले के संबंधित विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे। जिला उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी इसमें पदेन सदस्य होंगे। उप दुग्धशाला विकास अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। जिला स्तरीय समिति में भी नौ सदस्यों को निगरानी के लिए शामिल किया जाएगा।

परियोजना प्रस्तावों का परीक्षण, मूल्यांकन स्वीकृति व धनावंटन के संबंध में व्यवस्था की गई है कि जिलास्तर पर प्राप्त परियोजना प्रस्तावों का संकलन कर उन्हें उप दुग्धशाला विकास अधिकारी की ओर से मंडलीय दुग्धशाला विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यालय स्तर भेजा जाएगा। परियोजना प्रस्तावों के मुख्यालय स्तर पर परीक्षण व मूल्यांकन के लिए दुग्ध आयुक्त की ओर से अपनी अध्यक्षता में प्री-अप्रेजल समिति गठित की जाएगी। परियोजना प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए प्रमुख सचिव दुग्ध विकास विभाग की अध्यक्षता में मूल्यांकन व परीक्षण समिति गठित की जाएगी। परीक्षण समिति की ओर से संस्तुत परियोजना प्रस्तावों पर स्वीकृति तथा धनावंटन राज्य स्तरीय इंपावर्ड समिति की ओर से की जाएगी। उप्र दुग्ध नीति-2018 के शेष प्रविधान व शर्तें यथावत रहेगी।

 

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