लखनऊ, एजेंसी देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसमें आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी श्रमिकों को ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया गया। एक माह में छह गुना से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिला। हर दिन 50-60 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सि‍ंह उर्फ मोती सि‍ंह ने बताया कि गत 10 मई को 17,980 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की संख्या 2,49,428 थी, जो बढ़कर पांच जून को 53,099 ग्राम पंचायतों में 13,45,151 हो गई। इसके बाद छह जून को 52,818 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की संख्या 14,08,615 हो गई है।

इस दौरान दो करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित हुए हैं, जिसके सापेक्ष 11 लाख 60 हजार श्रमिकों को 448 करोड़ रुपए भुगतान भी किया गया है। अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सि‍ंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानव दिवस और सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो गांव कोरोना मुक्त हैं, वहां मनरेगा के तहत गतिविधियां और बढ़ाई जाएंगीं।

10 जिलों में श्रमिकों को सबसे ज्यादा मिला रोजगार : मनरेगा में श्रमिकों को सबसे ज्यादा रोजगार खीरी में 60,435, कुशीनगर में 55,130, बहराइच में 53,674, महराजगंज 48,770, सीतापुर में 47,704, हरदोई में 36,046, सिद्धार्थनगर में 35,635, प्रयागराज में 34,206, बस्ती में 32,192 और रायबरेली में 31,599 श्रमिकों को रोजगार मिला है।

खरीफ फसलों की एमएसपी वृद्धि को सराहा

केंद्र सरकार द्वारा धान समेत खरीफ सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 50 से 85 प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व कृषि मंत्री ने सराहना की है। वहीं, विपक्ष ने इसे अपेेक्षा से कम ठहराते हुए कहा कि लागत मूल्य के अनुरूप किसानों को फसलों का दाम मिलना चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने ट् वीट  कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा- ‘अन्नदाताओं के हित में आज मोदी सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। किसान भाई बहनों की आय दोगुनी करने के लिए कृतसंकल्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए हार्दिक आभार। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि खरीफ फसलों की एमएसपी में 50 से 85 प्रतिशत बढ़ोतरी करना एतिहासिक फैसला है। धान की एमएसपी मेंं 72 रुपये प्रति क्वि‍ंटल बढ़ोतरी की गयी है, जबकि सर्वाधिक वृद्धि का लाभ तिल उत्पादक किसानों को मिलेगा। तिल की एमएसपी में 452 रुपये प्रति क्वि‍ंटल की रिकार्ड वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में यह फैसला किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला सिद्ध होगा।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी बढ़ाने का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है, क्योंकि सरकारी खरीद का बंदोबस्त नहीं हो पाता है। उन्होंने मक्का जैसी फसल में मात्र 20 रुपये की वृद्धि को किसानों से मजाक बताया। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने आरोप लगाया कि एमएसपी वृद्धि का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है, क्योंकि सरकारी खरीद नहीं हो पाती है।

 

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