लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश किसानों के लिए कड़वे हुए गन्‍ने की मिठास अब लौट आई है। योगी सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान, गन्ने के प्रति हेक्टेयर उत्पादन, चीनी परता और कोरोना काल में सभी चीनी मिलों के संचलन व सैनिटाइजर के उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। हाल में जारी गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक गन्ना बकाए का 97.07 फीसद 34847.60 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ निर्देश है कि जब तक खेत में किसानों का गन्ना है तब तक उस क्षेत्र की मिल को चलना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की बड़ी संख्या के नाते राजनीतिक रूप से यह बेहद संवेदनशील फसल है। गन्ना मूल्य के बकाये से लेकर पेराई न होना आदि बड़ा मुद्दा बन जाता है। मार्च, 2017 में योगी सरकार के आने के पहले बकाया बड़ा मुद्दा था। योगी सरकार ने आने के साथ ही पहला फोकस बकाये के भुगतान पर किया और रिकॉर्ड भुगतान भी किया। इसके साथ ही सरकार ने सबसे ज्‍यादा जोर पुरानी मिलों के आधुनिकीकरण और नई मिलों की स्थापना पर दिया। इस क्रम में करीब दो दर्जन मिलों की क्षमता बढ़ायी गई। गोरखपुर के पिपराइच, बस्ती के मुंडेरा और बागपत के रमाला में अत्याधुनिक और अधिक क्षमता की नई मिलें लगायी गईं।

स्थानीय स्तर पर गन्ने की पेराई हो इसके लिए 25 साल बाद पहली बार योगी सरकार ने 100 घंटे के अंदर खांडसारी इकाइयों को ऑनलाइन लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था की। इसके दायरे में पहले से चल रही इकाइयां भी थीं। सरकार के अनुसार मौजूदा समय में 105 से अधिक इकाइयों को लाइसेंस निर्गत किया जा चुका है। इससे पेराई क्षमता में 27850 टीडीएस की वृद्धि हुई है। लोग गुड़ के गुण और स्वाद को जानें इसके लिए सरकार ने मुजफ्फरनगर में गुड़ महोत्सव का आयोजन किया। लखनऊ में ही एक ऐसा ही महोत्सव आयोजित होना है। प्रसंस्करण के जरिए गुड़ को और उपयोगी बनाया जाय इसके लिए सरकार ने गुड़ को मुजफ्फरनगर और अयोध्या का एक जिला, एक उत्पाद घोषित कर रखा है।

सरकार एथनॉल के जरिए गन्ने को ग्रीन गोल्ड बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार के प्रयास से अब उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक 126.10 करोड़ लीटर वार्षिक आपूर्ति करने वाला राज्य बन चुका है। कुल 50 आसवानियां एथनॉल बना रही हैं। पिछले वर्ष दो मिलें हैवी मोलासिस से एथनॉल बना रही थीं। इस साल इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गई बै। योगी सरकार ने कोरोना काल में नौ महीने की अवधि के दौरान सैनिटाइजर का 177 लाख लीटर उत्‍पादन कर राजस्व वृद्धि का एक नया रिकॉर्ड बनाया।

राज्य की चीनी मिलों और छोटी इकाइयों से 24 मार्च से 15 नवंबर 2020 तक 177 लाख लीटर सेनीटाइजर का रिकॉर्ड मात्रा में उत्पादन कर, 137 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया। आबकारी विभाग के मुताबिक यूपी के बाहर 78.38 लाख लीटर सैनिटाइजर की बिक्री हुई है। वहीं यूपी में कुल 87.01 लाख लीटर सैनिटाइजर बेचा गया है। सैनिटाइजर की कुल बिक्री 165.39 लाख लीटर हुई है। अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक, आपदा में अवसर मंत्र का पालन करते हुए आबकारी विभाग ने सैनिटाइजर का समय पर उत्‍पादन कराया। साथ ही बाजार में समय पर सैनिटाइजर की उपलब्‍धता भी सुनिश्चित की।

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