प्रयागराज, एजेंसी । विश्व प्राकृतिक उपचार पद्धतियों से भरा पड़ा है। उन्हीं में हेलियोथैरेपी भी एक चिकित्सा पद्धति है। रोमन भाषा में हीलियो का अर्थ है सूर्य और थेरेपी का अर्थ है चिकित्सा। प्राचीन रोम में हीलियो थेरेपी अर्थात सूर्य चिकित्सा अत्यंत लोकप्रिय थी। भारत के प्राचीन ग्रंथों में वायु चिकित्सा, अग्नि चिकित्सा, मंत्र चिकित्सा, स्पर्श चिकित्सा, जल चिकित्सा, यज्ञ चिकित्सा के साथ-साथ सूर्य चिकित्सा का भी उल्लेख है। सूर्य की किरणों में सात प्रकार के रंग मिश्रित होते हैं यह सभी रंग हमारे साथ प्रमुख चक्रों से संबंधित हैं जैसे सहस्त्रार चक्र का बैगनी, आज्ञा चक्र का गहरा नीला, कंठ चक्र का आसमानी, हृदयचक्र का हरा, मणिपुर चक्र का पीला, स्वाधिष्ठान चक्र का नारंगी और मूलाधार चक्र का लाल रंग होता है। एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान पर जाने-माने रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय बताते हैं कि सूर्य के यह सातों रंग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में अत्यंत सहायक हैं।
सफेद रंग है खास : सतीश
सतीश राय बताते हैं कि सूर्य की किरणों में मौजूद रंगों के द्वारा भी लोगों का सरल उपचार होता है। रंगों से संबंधित उपचार की एक अन्य पद्धति क्रोमो पैथी भी है। क्रोमो से तात्पर्य रंग से है और पैथी का अर्थ चिकित्सा से है। यह सातों रंगों को एक चक्र पर रखकर तेजी से घुमाने पर चक्र का रंग सफेद दिखाई पड़ता है इसी कारण सूर्य की किरणें हमें सफेद दिखाई देती हैं। बताते हैं कि सफेद रंग के कपड़े पहनने से शरीर निरोग रहता है गर्मी में पगड़ी या टोपी नीले रंग की पहनना चाहिए क्योंकि नीला रंग ठंडा होता है कमजोर एवं ठंडे प्रकृति के व्यक्तियों को लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिए पेट में तकलीफ हो तो पेट के रोगी को ठीक करने के लिए पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए द्य बार बार सर्दी होने वाले को सफेद तथा पतले कपड़े पहनना चाहिए तथा धूप में ज्यादा रहना चाहिए। एलर्जी या त्वचा की बीमार व्यक्ति को काला कपड़ा नहीं पहनना चाहिए।
सूर्य की किरणों में मौजूद रंगों का भी विशेष प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। इनसे उपचार करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता अर्थात कोई साइड इफेक्ट नहीं है ।
प्रत्येक रंग का अपना गुण होता है जैसे :-
बैगनी रंग : ये खून के श्वेत कोशो को ठीक करता है। बुखार में आराम देता है।
गहरा नीला रंग : यह थायराइड ग्रंथियों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। ट्यूमर को खत्म करता है। भावनात्मक उत्तेजनों को कम करता है। शरीर की गर्मी जलन बुखार को कम करता है।
नीला रंग : मुंह के छाले दांत के रोग में नीले रंग के पानी से कुल्ला करें फायदा होता है।
आसमानी रंग : यह पिट्यूटरी ग्रंथि को सक्रिय करता है। बुखार तथा शरीर के जलन को दूर करता है। मानसिक शांति में सहायक है। अच्छी निद्रा प्रदान करता है।
हरा रंग : यह रंग मन व शरीर में ताजगी लाता है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे हानिकारक कीटाणु नष्ट होते हैं। यह रक्तशोधक है शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है टाइफाइड खसरा चेचक में लाभदायक है। हरा रंग के पानी से आंखों को धोने से लाभ होता है।
पीला रंग : इस रंग से शरीर में हारमोंस के उत्पादन में वृद्धि करता है। पाचन क्रिया को ठीक करता है। पूरे शरीर तथा मस्तिष्क को शक्ति देने के साथ ही फेफड़ों को ठीक करता है इस रंग के पानी पीने से पेट रोग ठीक होता है।
नारंगी रंग : इससे रक्तचाप में वृद्धि यौन संबंधित भावनाओं को उत्तेजित करता है एड्रिनल ग्रंथि तथा गुर्दा के लिए लाभदायक है इस रंग का जल पीने से भूख बढ़ती है। गैस की समस्या दूर होती है जिगर व तिल्ली के रोगों में लाभप्रद है। सर्दी जुकाम में इस रंग से बने पानी पीने से लाभ होता है।
लाल रंग : यह शरीर में रक्त की क्रियाशीलता को बढ़ाता है शक्ति प्रदान करता है। अंगों को शक्ति देता है शरीर को खाज खुजली से बचाता है। इस रंग की तासीर सभी रंगों से अधिक गर्म होती है इसलिए इस रंग से बने तेल का प्रयोग जोड़ों के दर्द सर्दी जुकाम से पैदा होने वाले सीने में दर्द, लकवा और मोच में लाभप्रद माना जाता है> इस रंग से बने पानी को नहीं पीना चाहिए।
सफेद रंग : यह रंग कीटाणु विहीन होता है। यह जीवन में स्फूत प्रदान करता है हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है इस रंग के कपड़े पहनना सर्वोत्तम माना गया है।
दिन के अनुसार चुनें कपड़ों का रंग
रेकी ग्रैंड मास्टर बताते हैं कि दिन के अनुसार कपड़ों का रंग चुनना ज्यादा लाभकारी होता है।
सोमवार : भगवान भोलेनाथ शंकर व चंद्र ग्रह का दिन होता है। इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनना चाहिए। सफेद रंग मन को शांति प्रदान करने के साथ-साथ सकारात्मक से भरपूर रहता है। इस दिन गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए हल्के रंग के कपड़े पहनना अच्छा होता है।
मंगलवार : यह दिन हनुमान जी का दिन है। इस दिन लाल व नारंगी रंग के कपड़े पहनना चाहिए। यह रंग शक्ति का प्रतीक है। क्षमता में बढ़ोतरी के साथ-साथ उत्साह बढ़ता है। इससे कार्यक्षमता बढ़ती है। इस दिन नए वस्त्र नहीं पहनना चाहिए।
बुधवार : यह भगवान गणेश व बुध ग्रह का दिन होता है। बुधवार को हरे रंग का कपड़ा पहने से घर में जीवन में हरियाली सुख व शांति आती है।
वृहस्पतिवार : भगवान विष्णु व वृहस्पति गुरु का दिन है। इस दिन पीला वस्त्र पहने से भाग्य संपन्नता धन यश व संतान से संबंधित लाभ प्राप्त होता है।
शुक्रवार : मां दुर्गा मां लक्ष्मी व मां सरस्वती के साथ-साथ शुक्र ग्रह का दिन कहा जाता है। इस दिन हल्के लाल-रंग रंग बिरंगे रंग के साफ-धुले वस्त्र पहनने से लाभ होता है। घर में मंगल ही मंगल रहता है। इस दिन नए कपड़े खरीदना अच्छा होता है और नए कपड़े पहनना भी बहुत अच्छा होता है।
शनिवार : इसे शनिदेव का दिन कहा जाता है। इस दिन काला गहरे रंग के कपड़े जैसे जामुनी, बैगनी, भूरा, नीला आदि जो काले रंग के कपड़े से मैच करें उसे पहनना शुभ होता है। इस दिन लाल, नारंगी रंग के कपड़े पहने से बचना चाहिए। नए वस्त्र न खरीदना चाहिए और न पहनना चाहिए।
रविवार : यह सूर्यदेव का दिन होता है। इस दिन सुनहला लाल, गहरा पीला, गुलाबी रंग वाले कपड़े पहनने से लाभ होता है। गहरे केसरिया रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन नए वस्त्र भी नहीं पहनना चाहिए।