बदायूँ: राष्ट्रध्वज का सम्मान, देश का सम्मान है। जिन तथाकथित किसानों ने राष्ट्र ध्वज का अपमान किया। ऐसे लोग किसी भी देश के श्रेष्ठ नागरिक नहीं हो सकते। राष्ट्रध्वज किसी धर्म, जाति, सम्प्रदाय का नहीं है। संपूर्ण देशवासियों का है, उनकी पहचान है। राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है। त्याग, बलिदान, स्वच्छता, शांति, समृद्धि का द्योतक भी है। देश का प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्रध्वज के सम्मान में अपनी जान तक न्यौछावर कर देता है। जो राष्ट्रध्वज से प्रेम नहीं करते, उनमें देशभक्ति की भावना नहीं होती है। राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाले लोग अपराधी, देशद्रोही, आतंकवादी हैं। जिन्होंने दिल्ली में राष्ट्रध्वज का अपमान किया, राष्ट्र की संपत्ति को क्षति पहुंचाई, सारेआम अंहिसा की और पुलिस के जवानों पर हमला किया। ऐसे देशद्रोहियों को सरकार कड़ी सजा दे। कृषि प्रधान देश में हर नागरिक ‘अन्नदाता‘ और ‘जय जवान-जय किसान‘ के नारे से किसानों को गौरवान्वित करता है। किसानों के वेश में आए अराजक तत्त्वों ने किसानों की छवि को धूमिल किया।

गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि संपूर्ण भारत में शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों के अलावा गांवों और कस्बों में ध्वजशिष्टाचार, राष्ट्रध्वज बांधना, चढ़ाना, अवतरण करना। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में राष्ट्रध्वज का सम्मान, आदर करने, देशप्रेम, एकता और अनुशासन की भावना जाग्रत करने का मुझे अवसर मिला है। जीवन राष्ट्रध्वज के सम्मान में समर्पित रहेगा।

जिन लोगों ने राष्ट्रध्वज का अपमान किया। वह निंदनीय है, क्षमा योग्य नहीं है। देश का कोई भी ऐसे अराजक तत्त्वों को स्वीकार नहीं करेगा।

 

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