फिरोजाबाद : फिरोजाबाद में कोरोना काल के बाद पटरी पर लौट रहे कांच निर्यातकों एवं माउथ ब्लोइंग इकाइयों की परेशानी फिर से बढ़ गई हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी से यूरोपियन बाजार से स्थानीय कांच उद्योग जगत को बड़ा झटका लगा है। गत वर्ष जनवरी-फरवरी में यूरोप के बाजार से 1200 करोड़ का ऑर्डर हासिल करने वाले कांच निर्यातक व कारखानेदार इस बार निराश हैं।
फिरोजाबाद के फैंसी कांच उत्पादों की अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैड के अलावा चेक गणराज्यों यूरोप के कई देशों में अच्छी-खासी डिमांड है। करीब 70 से अधिक देशों में अपने कलात्मक कांच उत्पादों की धाक जमा चुके फिरोजाबाद के कांच कारोबारी साल के शुरूआती (माह जनवरी-फरवरी) के दौरान अच्छे खासे आर्डर मिलने की उम्मीद में थे।
ऑर्डर न मिलने से कारोबारी निराश
रूस-यूक्रेन के बीच तनातनी ने कांच निर्यातकों व माउथ ब्लोइंग इकाई संचालकों की टेंशन बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से ऑर्डर नहीं मिलने से कांच निर्यातक व इकाई संचालक निराश हैं। बीते वर्ष शुरुआत में ही फिरोजाबाद से करीब 1200 करोड़ रुपये के कांच उत्पादों का आर्डर मिले थे।
इन उत्पादों के आर्डर मिलने की थी उम्मीद
कैंडल स्टैंड लालटेन, हुक्का, तरह-तरह के फ्लावर पॉट, हैंगिंग लाइट बॉल, क्रिसमस ट्री, कांच मोती वाले कलात्मक चूड़ी कडे़ ,किचिन वेयर, ग्लास सेट,वाइन ग्लास आदि।
इन देशों में कांच उत्पादों की अच्छी-खासी डिमांड
बेल्जियम, स्वीडन, हालैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, नेपाल, आस्ट्रेलिया, स्पेन, फ्रांस,कनाडा, नीदरलैंड,डेनमार्क और जर्मनी के अलावा इटली आदि।
कांच आयटमों के निर्यात पर नजर
– 150 निर्यात व माउथ ब्लोइंग इकाइयों में तैयार होते हैं कांच उत्पाद
– 3500 करोड़ की लागत वाले कांच उत्पादों का हर साल निर्यात करते हैं कारखानेदार
– सीधे अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कांच उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर शासन को मिलता है 5.5 करोड़ का राजस्व
– करीब दो लाख लोगों व कामगारों की आजीविका का मुख्य साधन है फिरोजाबाद का कांच निर्यात कारोबार
– जनवरी-फरवरी वर्ष 2021 में कुल 1200 करोड़ के कांच उत्पादों का हुआ था निर्यात
– जनवरी-फरवरी वर्ष 2022 में वर्तमान तिथि तक देश-विदेश से मिले कुल आर्डर लगभग 2.5 करोड़
मंदी के हालात
कांच निर्यातक मुकेश बंसल टोली ने बताया कि मंदी के हालत हैं। इन दिनों से विदेशों से आर्डर भरपूर होते थे। लेकिन इस बार यूक्रेन रूस के बीच तनातनी से हालत खराब है। अगर दोनों देशों के बीच हालत बिगड़े तो फिरोजाबाद का कांच निर्यात कारोबार पूरी तरह चरमरा जाएगा।
उद्यमी अभिषेक मित्तल चंचल ने बताया कि इन दिनों माउथ ब्लोइंग इकाइयों में उत्पादन का पहिया फर्राटा भरता था। लेकिन देश-विदेश में बैठे सप्लायर्स आर्डर ही नहीं दे रहे। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका से विदेशी व्यापारी फिलहाल आर्डर देने के मूड में नहीं हैं।
