लखनऊ : सोमवार को विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा प्रशासकीय भवन,छतर मंजिल, कैसरबाग, लखनऊ में प्रातः 10 :00 बजे से भारत के विश्व धरोहर स्मारक/स्थल पर आधारित छायाचित्र-प्रदर्शनी एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 आलोक कुमार, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, डॉ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वद्यालय, लखनऊ ने प्रदर्शनी का लोकार्पण किया। प्रदर्शनी में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में सम्मिलित भारत के 40 सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्मारकों/स्थलों की छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया। इसके उपरान्त उक्त विषय पर मुख्य अतिथि द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम के दौरान नारी शिक्षा निकेतन पी.जी. कालेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनीता जी की किताब “ प्राचीन भारत के आर्थिक विकास में शूद्रों की भूमिका ” का विमोचन मंच पर आसीन मुख्य अतिथि डॉ. आलोक कुमार एवं डॉ. आनद कुमार सिंह, निदेशक, उ.प्र. राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया । तत्पश्चात विद्यालयी छात्र – छात्राओं को स्मारक – भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम में नारी शिक्षा निकेतन पी.जी. कालेज, मोना कान्वेंट स्कूल, मोना चन्द्रावती बाल शिक्षा निकेतन, डॉ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वद्यालय, लखनऊ विश्वद्यालय आदि से लगभग 100 से अधिक छात्र – छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
विभाग के सहायक पुरातत्व अधिकारी डॉ० राजीव कुमार त्रिवेदी द्वारा कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया गया। विभाग के निदेशक डॉ० आनन्द कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि डॉ0 आलोक कुमार जी को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत व अभिनन्दन किया । उसके उपरान्त कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने देश की विरासत/ स्थलों पर गर्व होना चाहिए तथा उनके संरक्षण के लिए आगे बढ़ना चाहिए ।
मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ0 आलोक कुमार जी ने भारत के विश्व धरोहर स्थल पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बड़े ही सहज और आम सरल ढंग से देश की अमूल्य विरासतों के विषय में विस्तार से बताया कि अभी तक पूरे विश्व में लगभग 1154 स्थलों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जा चुका है। भारत में 40 ऐसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक स्थल/स्मारक हैं जिन्हें विश्व धरोहर की स्मारकों की सूचीं मे रखा गया है। उत्तर प्रदेश के तीन स्मारक जिसमें ताजमहल एवं आगरा किला तथा फतेहपुर सीकरी के स्मारक सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि विश्व धरोहर दिवस मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य देश की सांस्कृतिक धरोहरों और स्मारकों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करना और जागरूकता बढ़ाना है। प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपरा को जानने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि अमूल्य विविध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा की जाये और उन्हें संरक्षित किया जाये।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में डॉ० आनन्द कुमार सिंह, निदेशक,उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने देश की विरासत/ स्थलों पर गर्व होना चाहिए तथा उनके संरक्षण के लिए आगे बढ़ना चाहिए ।
विभाग के उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी श्री राम विनय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया व कार्यक्रम संचालन श्री बलिहारी सेठ, प्रकाशन सहायक द्वारा किया गया।