जिला सम्वाददाता

लखीमपुर खीरी। दीपावली करीब आ रही है और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 15 दिन में खाद्य सामग्री से लेकर मेवा आदि के दामों में दस फीसदी तक का इजाफा हुआ है। इससे आमजन काफी परेशान है।

त्योहार को लेकर हर तरफ उत्साह है। मगर, बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के चेहरे से खुशियां गायब हैं। खाद्य मूल्यों से लेकर घर में रोजाना उपयोग होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ने से हर वर्ग परेशानी में है। सरसों का तेल, घी, रिफाइंड सहित रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से घर का बजट बेपटरी हो गया है। मध्यमवर्गीय लोगों की हालत सबसे ज्यादा दयनीय है, क्योंकि सीमित आमदनी में दो वक्त की रोटी का इंतजाम करनी ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में त्योहारी खर्च ने इनकी चिंताएं और बढ़ा दी हैं। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई निरंतर बढ़ रही है। पिछले 15 दिन में ही खाने पीने की सामग्री पर 10 फीसदी तक दाम बढ़े हैं।

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दुकानदार मुरली का कहना है कि महंगाई के कारण व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। त्योहार से पहले खरीदारी के लिए अब पहले जैसी भीड़ बाजार में नहीं दिखती। पहले लोग त्योहार पर भरपूर मात्रा में खरीदारी करते थे। मगर, अब मात्र पर्व मनाने भर के लिए खरीदते हैं।

पंजाबी कॉलोनी निवासी मनप्रीत कौर बताती हैं एक तो कोरोना ने काम धंधा प्रभावित करके रख दिया। ऊपर से अब बढ़ती महंगाई ने परेशान किया है। हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। इससे रसोई का बजट भी गड़बड़ाने लगा है।

नौरंगाबाद निवासी रुचि बताती हैं कि आमदनी सीमित है, लेकिन महंगाई दिन पर दिन बढ़ रही है। खाद्य पदार्थों के दाम लगभग दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। हर चीज के दाम बढ़ने से त्योहार मनाने को लेकर भी सोचना पड़ रहा है।

राजगढ़ निवासी जया का कहना है कि महंगाई पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यमवर्गीय परिवार है। त्योहारी सीजन में आसमान छूते खाद्य सामग्री के दामों ने अब सोचने को मजबूर कर दिया है।

महेवागंज निवासी नासिरा बेगम ने बताया कि महंगाई के कारण घर चलाना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा घी और सरसों के तेल में आग लगी है। यदि इसी तरह महंगाई बढ़ती रही तो दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करने में लाले पड़ जाएंगे।

 

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