पलियाकलां (लखीमपुर खीरी)। थारू इलाके में कालाजार नामक बीमारी ने दस्तक दे दी है। क्षेत्र के दो गांवों में इस बीमारी से संक्रमित दो मरीज मिले हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां पहुंचकर जांच की है। प्रभावित दोनों गांवों का सर्वे शुरू कराया है।

तहसील क्षेत्र के आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र के ढखिया व पचपेड़ा गांव में काला जार बीमारी के दो मरीज मिले हैं। बताया गया कि दोनों ही मरीज बाहर से आए हैं, जिसके बाद से वह इस बीमारी से संक्रमित हैं। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों गांवों का सर्वे शुरू किया और जांच के लिए आगे की औपचारिकता पूरी कीं। सोमवार को एडिशनल सीएमओ डॉ. अश्वनी कुमार ने टीम और सीएचसी अधीक्षक डॉ. हरेंद्र नाथ वरुण के साथ दोनों गांवों में पहुंचकर जायजा लिया और दोनों मरीजों का हालचाल जाना। दोनों मरीज बुखार से पीड़ित हैं और उनका इलाज भी चल रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर पूरे गांव को अलर्ट करते हुए जांच भी की है।

कालाजार बीमारी के लक्षण

सीएचसी अधीक्षक डॉ. हरेंद्र नाथ वरुण ने बताया कि इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा बुखार आना है। इसके अलावा इस बीमारी में तिल्ली बढ़ जाती है, जबकि लीवर भी सामान्य आकार से बड़ा हो जाता है। भूख कम लगने के साथ ही वजन में भी कमी आने लगती है। त्वचा में खुजली व जलन के साथ सूखापन होने का एहसास भी मुख्य लक्षणों में गिना जाता है। बताया कि कुछ लोगों को यह बीमारी होने के बाद कई अन्य बीमारियां भी घेर लेती हैं।

महानगरों से लौटे हैं दोनों संक्रमित

ढखिया में 25 वर्षीय युवक इस बीमारी से संक्रमित है। जो अभी हाल ही में किसी महानगर से गांव लौटा है, हालांकि उसके परिजन इसकी जानकारी नहीं दे पाए हैं। दूसरा करीब 30 वर्षीय युवक जो कि राजस्थान से काम कर वापस पचपेड़ा गांव लौटा है। इसके बाद से ही दोनों बीमारी से संक्रमित हुए हैं।

ढखिया व पचपेड़ा गांव में काला जार बीमारी से ग्रसित दो मरीज मिले हैं, जिन पर स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं। दोनों ही मरीज बाहर से आए हैं। गांव में सर्वे के साथ ही जांच भी की गई है। हालांकि यह माना जा रहा है कि यह बीमारी एक से दूसरे में नहीं फैलती है।

– डॉ. हरेंद्र नाथ वरुण, सीएचसी अधीक्षक, पलियाकलां।

 

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