पलियाकलां (लखीमपुर खीरी)। दुधवा नेशनल पार्क 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खुलने जा रहा है। लेकिन गैंडा दर्शन की राह में पिछले माह आई बाढ़ ने रोड़े अटका दिए हैं। बाढ़ के कारण राइनो (गैंडा) एरिया में जाने वाला रास्ता खराब हो गया है, जिसके कारण सैलानियों को शुरुआती दिनों में मायूसी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि कुछ समय बाद सैलानियों को गैंडा दर्शन हो सकते हैं।
दुधवा नेशनल पार्क बीते पर्यटन सत्र से एक नवंबर को सैलानियों के लिए खोला जा रहा था, लेकिन इस बार तराई में आई बाढ़ के कारण दुधवा नेशनल पार्क के जंगली रास्ते खराब हो गए। इससे दुधवा नेशनल पार्क एक की जगह 15 नवंबर से खोलने का पार्क प्रशासन ने निर्णय लिया। इस नवीन पर्यटन सत्र में पार्क प्रशासन सैलानियों को हाथी की सवारी करते हुए गैंडा दर्शन कराने की तैयारी में था। लेकिन बाढ़ के कारण राइनो एरिया में जाने वाले रास्ते काफी खराब हो गए हैं, जिन पर जिप्सी ठीक से नहीं चल सकती है। इसके कारण ही शुरुआती दिनों में अब सैलानियों को गैंडा दर्शन न होने से मायूसी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि पार्क प्रशासन द्वारा रास्तों को सही करने का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो माह के अंदर ही रास्तों को दुरुस्त करने के बाद सैलानियों को हाथी राइडिंग से गैंडा दर्शन कराया जाएगा।
सैलानियों को इस सत्र में भी मिल सकता है थारु थाली का स्वाद
पिछले पर्यटन सत्र में सैलानियों को विशेष थारू थाली भी उपलब्ध कराई गई थी। इस थाली में थारू जनजाति क्षेत्र के करीब 15 व्यंजन शामिल थे। इस नवीन पर्यटन सत्र में भी थारू थाली भी सैलानियों को मिलने की उम्मीद है।
कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से होगा पालन
दुधवा पार्क के नवीन पर्यटन सत्र में कोरोना गाइडलाइन का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसको लेकर अधिकारियों ने अधीनस्थों को भी आवश्यक दिशानिर्देश दे दिए हैं, बिना मास्क एंट्री नहीं होगी।
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इस नवीन पर्यटन सत्र में सैलानियों को गैंडा दर्शन कराने की पूरी तैयारी थी, लेकिन बाढ़ के पानी ने रास्ते खराब कर दिए हैं। फिलहाल तो शुरुआत में गैंडा दर्शन नहीं हो सकेगा। उधर, थारू थाली तैयार करने वाला स्टाफ कर्तनिया घाट में है। यहां भी स्टाफ मिलने पर थारू थाली उपलब्ध कराई जाएगी।
– संजय पाठक, फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व