लखीमपुर खीरी। करीब तीन साल से इन्सेंटिव एवं समायोजन का भुगतान न होने से नाराज लखीमपुर डिपो के अनुबंधित बस मालिकों ने मंगलवार को बस संचालन ठप कर दिया। इससे लखनऊ, धौरहरा और गोला रूट पर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई। बसों का संचालन ठप होने की जानकारी पर हरदोई से आए आरएम और बस मालिकों के बीच कई घंटे वार्ता चली। इसके बाद अपराह्न करीब डेढ़ बजे के बाद बस मालिक बसों का संचालन करने के लिए राजी हुए।
अनुबंधित बस मालिकों का निगम पर इन्सेंटिव और समायोजन आदि का लाखों रुपये बकाया है। इसके लिए बस मालिकों ने कई बार एआएम को पत्र लिखा। मगर, सुनवाई न होने से आहत बस मालिकों ने सोमवार को चेतावनी देने के बाद मंगलवार की सुबह से बसों का संचालन रोक दिया। संबंधित चालकों ने सभी बसें बस अड्डे पर खड़ी कर दीं। सुबह के वक्त लखनऊ, धौरहरा, ऐरा, गोला, बरेली आदि रूट के लिए बस न मिलने से नौकरी पेशा से लेकर आम यात्री परेशान हो उठे। एकाएक बस संचालन ठप होने से निगम अधिकारियों में इस कदर हड़कंप मच गया कि हरदोई से क्षेत्रीय प्रबंधक मनोत्र त्रिवेदी तक को लखीमपुर आना पड़ गया। एआरएम कार्यालय में कई घंटे तक आरएम और बस मालिकों के बीच वार्ता चलने के बाद आखिरकार दोपहर बाद बस मालिक बसें चलवाने के लिए तैयार हुए। तब जाकर अधिकारियों ने चैन की सांस ली।
यात्रियों के लिए सहारा बनीं गोला और सीतापुर डिपो की बसें
अनुबंधित बसों के खड़े हो जाने पर आरएम हरदोई के निर्देश पर सीतापुर व गोला डिपो की अनुबंधित एवं निगम बसों से लखीमपुर बस अड्डे पर संचालन प्रारंभ हुआ। तब जाकर यात्रियों को राहत मिली। इसके बाद भी ऐरा, धौरहरा, गोला व शाहजहांपुर जाने वाले मुसाफिरों को बस अड्डे पर काफी देर तक बसों के इंतजार में खड़े रहे।
भदेड़ निवासी बजरंग ने बताया कि शाहजहांपुर जाने के लिए गांव से आए थे। यहां आकर मालूम हुआ कि बसें नहीं चल रही हैं। करीब एक घंटे से बस की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बस मिलेगी भी या नहीं, ये भी किसी ने नहीं बताया।
लालपुर गांव निवासी तंबारी लाल ने बताया कि दवा लेने के लिए लखीमपुर आए थे। उधर से तो बस आराम से मिल गई थी, लेकिन अब जाने के लिए काफी देर से बस अड्डे पर खड़े हैं। अब तक बस नहीं मिली। पूछने पर बस आने का आश्वासन मिल रहा है।
खमरिया निवासी कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि कुछ घरेलू सामान की खरीदारी के लिए जिले में आए थे। मगर, आकर मुसीबत में फंस गए। बस की प्रतीक्षा में काफी देर खड़े हैं। इन्क्वायरी पर आधे घंटे से बस का आना बताया जा रहा है।
समझौतावादी दृष्टिकोण अपनाकर आरएम से कोरा आश्वासन मिला है। जो भुगतान होने का दावा कर रहे हैं उसकी डिटेल क्यों नहीं उपलब्ध कराते। भुगतान आरटीजीएस से होता है, उसका स्टेटमेंट दें। हां, इतना जरूर है कि लखनऊ से भुगतान कर दिया गया है। जो हरदोई में रुका है। आरएम की बात पर संचालन शुरू हो गया है, लेकिन रक्षाबंधन से पहले यदि बकाया न मिला तो त्योहार पर बसें चलवा पाने में हम असमर्थ होंगे। पर्व पर यात्रियों को दिक्कत न हो इसलिए बसों की चाबी एआरएम को सौंप देंगे। वही संचालन कराएं।
– श्रवण गुप्ता, जिलाध्यक्ष, अनुबंधित बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन, लखीमपुर
आरएम ने बस मालिकों से वार्ता कर भुगतान होने के संबंध में अवगत करा दिया है। 19 लाख के इन्सेंटिव में से 12 लाख की धनराशि सहित समायोजन के छह लाख का भुगतान 28 जुलाई को ही कर दिया गया था, जो रह गया है उसकी प्रक्रिया जारी है। यदि बस मालिक डीजल विभाग से लेना चाहेंगे तो उन्हें सीतापुर और गोला डिपो से मुहैया कराया जाएगा।
– जोगेंद्र सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, लखीमपुर डिपो