कोंच(जालौन):अधर्मी रावण को मारकर लंका पर विजयी प्राप्त करने के बाद विजयादशमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा मंगलकारी शमी वृक्ष की पूजा किये जाने के पौराणिक महत्व के तहत बुधवार को विजयादशमी पर्व पर नगर में सनातन धर्मियों ने शमी वृक्ष की पूजा की।
प्राचीन रामलला मंदिर में लगे शमी वृक्ष की पूजा कर लोगों ने घर परिवार की सुख समृद्धि व कष्ट दोषों से मुक्ति प्राप्ति की कामना करते हुए वृक्ष की जड़ों, टहनियों, पत्तों व पुष्पों पर रोली कुमकुम,अक्षत्र लगाकर प्रसाद चढ़ाया।रामलला मंदिर में विष्णुकांत मिश्रा ने पूजा संपन्न करायी।वहीं धनुताल स्थित काली माता मंदिर के समीप भी बृजेंद्र मिश्र ने शमी वृक्ष की पूजा संपन्न करायी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शमी वृक्ष की पूजा करने से शनि संबंधी दोषों सहित तंत्र मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति प्राप्त होती है और आयुर्वेद के नजरिये से कई रोगों से मुक्ति में इस वृक्ष की जड़, फूल, पत्ती का उपयोग किया जाता है।वहीं शमी वृक्ष पर असंख्य देवी देवताओं का वास रहने से धार्मिक अनुष्ठानों/यज्ञों में इस वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है