बदायूं : शिशु घर का दीप और जग का दिवाकर है- डॉ, उमा सिंह गौर

अपनी संस्कृति से जोड़कर शिशुओं को संस्कारवान बनाते हैं विद्या भारती के विद्यालय- सर्वेश पाठक

बदायूं, मीरा चौकी स्थित श्री राम सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मेंआज अभिभावक सम्मेलन संपन्न हुआ। आचार्य एवं अभिभावकों की शिशुओं के विकास में क्या भूमिका है। विषय पर विचारों का आदान प्रदान हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष मुख्य अतिथि डॉ उमा सिंह गौर, अध्यक्ष सर्वेश कुमार पाठक, विभाग कुटुंब प्रबोधन प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बदायूं ने दीप प्रज्वलन कर तथा प्रधानाचार्य कालिका प्रसाद गंगवार ने पुष्पार्चन कर किया।

मुख्य अतिथि डॉ उमा सिंह गौर ने कहा, शिशु घर का दीप और जग का दिवाकर है। शिशुओं के विकास में आचार्य एवं अभिभावक दोनों का योगदान रहता है. शिशुओं के सर्वांगीण विकास में आचार्य का महत्व कुंभकार की भांति है जो अंदर हाथ लगा कर घड़े को सुंदर रूप प्रदान करता है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार पाठक ने कहा, विद्या भारती के विद्यालयों में भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों से ओतप्रोत शिक्षा प्रदान की जा रही है। शिशु विकास में परिवार की भूमिका का विशेष योगदान रहता है। हम अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़कर अच्छे संस्कार प्रदान कर अपने घर परिवार के साथ ही देश व समाज का कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करें।

कार्यक्रम का संचालन कमलेश कुमार ने तथा अतिथि परिचय प्रधानाचार्य कालिका प्रसाद गंगवार ने कराया।

इस मौके पर प्रांत मीडिया प्रभारी राजकुमार सिंह सेंगर, राजेश कुमार शर्मा, अशोक कुमार, राजीव कुमार, ज्योति बाला,मीनू, तरन वैश्य, लता सैनी, हिना सिंह,भूपेंद्र सिंह,उपस्थित रहे।

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