*बदायूं समाचार*
*अटठारहवां दिन*
विद्युत वितरण मंडल कार्यालय के समक्ष विद्युत संविदा कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन अटठारहवें दिन भी जारी रहा।

पूर्व नोटिस के तहत अधीक्षण अभियंता कार्यालय विद्युत वितरण मंडल बदायूं के कार्यालय के समक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ बदायूं के तत्वाधान में संविदा कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन जारी है। संविदा कर्मचारियों के ईपीएफ का एक करोड़ से अधिक का घोटाला कार्यदाई संस्था के द्वारा किया गया है साथ ही दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारियों के बीमा का लाखों रुपए का घोटाला कार्य दायी संस्था के द्वारा श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है यूनिफॉर्म और सुरक्षा उपकरण किट के लाखों रुपए का घोटाला हो रहा है जिसमें विभागीय अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं। हुए/मृतक आश्रित कर्मचारियों को कार्य पर आज तक वापस नहीं लिया गया है, अवर अभियंता मोहम्मद मियां कुरैशी का स्थानांतरण बिसौली ग्रामीण उपकेंद्र से दूसरी जगह न करने, अवर अभियंता सैदपुर रामस्वरूप की कार्यशैली,अभद्र भाषा की शिकायत पर कार्यवाही नहीं करने,अनुबंधित कंपनी के विरुद्ध चारों अधिशासी अभियंताओं की ओर से कोतवाली में तहरीर पहुंचने के बाद भी अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर कर्मचारीयों का कहना है कि हमारे विभागीय अधिकारीयों की मिली भगत होने के कारण ही हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है इसीलिए अधिकारी त्योहार के समय पर भी हमारी बात को नहीं सुन रहे हैं जबकि माह की सात तारीख तक संविदा कर्मचारियों का वेतन मिल जाना चाहिए लेकिन दीपावली के त्योहार पर अभी तक वेतन नहीं दिया गया है वहीं जिला अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 18 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य वहिष्कार कार्यदाई संस्था के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने तक जारी रहेगा। संविदा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर अधीक्षण अभियंता बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं उन्होंने कार्यदाई संस्था को निर्देशित किया है कि कैंप लगाकर नए कर्मचारियों की तैनाती कर कार्य कराया जाए जिससे विद्युत संविदा कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है। वहीं क्रमिक अनशन पर अटठारहवें दिन अक्षय रस्तौगी, राकेश कुमार, सुभाष, अनिल कुमार पाल, सोहन लाल आदि क्रमिक अनशन पर बैठे इस दौरान यतेंद्र कुमार, राकेश कुमार सागर, जयप्रकाश शर्मा, मुसब्बर अली सिद्दकी, विवेक शर्मा, लालाराम आदि उपस्थित रहे।
