बदायूँ : 03 मार्च। जिला समाज कल्याण अधिकारी राम जनम ने जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना समाज कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं में सम्मिलित है। उक्त दोनों योजनाओं के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इन महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रचार-प्रसार विभिन्न प्रचार माध्यमों यथा-समाचार पत्रों, कैम्प इत्यादि के माध्यम से पूर्व में भी कराया जाता रहा है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार के फलस्वरुप उक्त योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। परन्तु अभी भी ऐसे बहुत से अभ्यर्थी हैं जो पात्र होने के बावजूद भी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं।
इस सम्बन्ध में निदेशक,समाज कल्याण,उ0प्र0 लखनऊ द्वारा निर्देश प्राप्त हुए हैं कि तहसील दिवसों में कैम्प आयोजित करवाकर पात्र अभ्यर्थियों को योजनाओं के प्रति जागरुक करने तथा नियमानुसार उनके आवेदन पूर्ण करवाकर उन्हें लाभान्वित किया जाये ताकि अधिक से अधिक पात्रों को इन योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। शासन की मंशा है कि किसी जन कल्याणकारी योजनाओं से कोई भी पात्र व्यक्ति छूटे नहीं तथा कोई भी अपात्र व्यक्ति लाभान्वित न होने पाये। अतः जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है कि सभी तहसीलों में उप जिलाधिकारियों के समन्वय से कैम्प लगवाकर उक्त योजनाओं के पात्र लाभार्थियों का आवेदन पत्र पूर्ण कराते हुए उन्हें नियमानुसार लाभान्वित कराया जाये।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना की पात्रता के लिए ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम वार्षिक आय रु0 46080/- निर्धारित है। नगरीय क्षेत्र में अधिकतम वार्षिक आय रु0 56460/- निर्धारित है। मृतक की आयु 18-59 तथा 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदन पत्र मृत्यु दिनांक से 01 वर्ष के भीतर ऑनलाइन कराकर सम्बन्धित तहसील में जमा किया जाना अनिवार्य है।
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की पात्रता के लिए ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम वार्षिक आय रु0 46080/- निर्धारित है। नगरीय क्षेत्र में अधिकतम वार्षिक आय रु0 56460/- निर्धारित है। आवेदक की आयु 60 वर्ष अथवा उससे अधिक होनी चाहिए। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना हेतु बेवसाइट www.sspy-up.gov.in तथा राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु बेवसाइट www.nfbs.upsdc.gov.in पर आवेदन करना अनिवार्य है।