गोरखपुर, (ब.शि.) सहजन पोषक तत्वों का खजाना है। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फली, तना तीन सौ से अधिक रोगों के उपचार में फायदेमंद है। जिले में दस लाख से अधिक सहजन के पौधे मौजूद हैं। लोग यदि इसकी पत्तियां भर सहेज लें तो मालामाल हो सकते हैं।

पोषक तत्वों का खजाना है सहजन का पौधा

वनस्पति शास्त्री व गोरखनाथ थाना क्षेत्र के निवासी डा. अरविंद सिंह का कहना है कि सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें दूध की तुलना में 4 गुना अधिक कैल्शियम, दो गुना प्रोटीन पाया जाता है। सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है।

जानें-कैसे करें उपयोग

सहजन की छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते है। सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, गैस की बीमारी में शीघ्र लाभ होता है। मोच आदि में भी इसकी पत्तियां बेहद लाभप्रद मानी जाती हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सहजन लगाए गए हैं। ताकि लोग इसके कुदरती गुणों को जानकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करें। साथ ही पत्तियों की बिक्री करके लोग अच्‍छा लाभ भी कमाएं।

बड़े पैमाने पर निर्यात हो रहा सहजन की पत्तियों से बना पाउडर

सहजन की पत्तियों से बने पाउडर को विदेश मंत्रालय बड़े पैमाने पर विदेशों को करते हैं। इंटरनेट मीडिया के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने बीते 29 दिसंबर को दो टन सहजन पत्तियों के पाउडर का निर्यात अमेरिका को किया है। मंत्रालय आने वाले दिनों में 40 मीट्रिक टन सहजन के पत्तों से बने पाउडर का निर्यात अमेरिका को करने की तैयारी में है। डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि सहजन की पत्तियां व फूल सर्वाधिक गुणकारी हैं। यह सर्वाधिक पौष्टिक रहते हैं, लेकिन यहां कोई इनकी पत्तियां व फूलों पर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में यह निष्प्रयोज्य हैं, लोग इस पर ध्यान दें तो यह तमाम असाध्य रोगों के उपचार में काम तो आएगा ही, रोजगार का भी बड़ा साधन होगा।

 

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