प्रयागराज, एजेंसी । वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण से पूरा देश लड़ रहा है। कोरोना शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी लोगों को परेशान कर रहा है। इस लड़ाई में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को एक बड़ा हथियार माना जा रहा है। उचित पोषण लेने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन आज शारीरिक क्षमता के साथ ही साइकोलॉजिकल इम्यूनिटी या मनोवैज्ञानिक प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है अच्छी नींद।
मोतीलाल मण्डलीय चिकित्सालय की नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज कहती हैं कि कोविड-19 के कारण लोग अपने घरो में रहने को मजबूर हैं, रोज़गार के साथ ही भविष्य की चिंता भी लोगो में बढ़ रही है। खासकर कोरोना से किसी भी तरह से प्रभावित लोगों में मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ा है। चिंता, अवसाद और अफवाहों के चलते लोगों की नींद पर भी बहुत असर पड़ रहा है जो चिंता की बात है । क्योंकि नींद शरीर को आराम देने के साथ ही साइकोलॉजिकल इम्यूनिटी या मनोवैज्ञानिक प्रतिरोधक क्षमता देने का कार्य भी करती है इसलिए अच्छी नींद लेना बहुत आवश्यक है।
दोपहर में लंच के बाद जरूरी है 20 मिनट का आराम
डॉ. ईशान्या बताती हैं कि लोगो की नींद पर कई सारी रिसर्च इस बात को प्रमाणित करती हैं कि रात में छह से आठ घंटे की नींद शरीर के लिए आवश्यक है, पर एक ब्रीफ स्लीप (नैप) भी हमारी सेहत के लिए जरूरी है। दोपहर में या जब हम लंच करते हैं तभी नैप को यूटिलाइज कर सकते हैं। इसका आइडल पीरियड 20 मिनट माना जाता है। फिर भी दिन में 30 मिनट से ज्यादा नहीं सोना चाहिए ताकि रात की नींद प्रभावित न हो। यह पाया गया है कि नैप लेने वाले लोगों की प्रॉडक्टिविटी और फंक्शनिंग इंप्रूव हो जाती है और मेमोरी बेहतर होती है, वर्क एफिसिएंसी बढ़ जाती है, इससे काम करते समय एनर्जी बरकरार रहती है, साथ ही उन्हें ताजगी भी महसूस होती है। बेड पर जाने के समय तक वह चुस्ती-फुर्ती महसूस करते हैं।
क्यों है स्वस्थ नींद इतनी आवश्यक
भूख, प्यास, नींद इस लिए भी आवश्यक है क्योंकि यह हमारी जैविक कार्यशैली का हिस्सा हैं। जब जैविक कार्यशैली बिगड़ती हैं तो पहले शारीरिक और फिर मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। यह देखा जाता है कि जिस दिन हम अच्छे से नहीं सोते है तो दूसरे दिन कुछ करने का मन नहीं करता है, छोटी-छोटी बात पर गुस्सा, चिडचिडापन, काम में मन न लगना आदि परेशानियां होती हैं। इसलिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखना आवश्यक है।
देररात तक जागना गलत
पहले लोगों की दिनचर्या निर्धारित थी, पर आजकल अधिकतर लोग घर से ही अपने ऑफिस के काम कर रहे हैं और विद्यार्थी, बच्चे, महिलाएं व वृद्ध सभी घर में ही रहते हैं। इस कारण लोगों की दिनचर्या निर्धारित नहीं रह रही है जिसकी वजह से भी नींद का समय निश्चित नहीं है। अधिकतर लोग टी.वी. पर ख़बरें, मूवी या वेब सिरीज़ देखने में समय का ध्यान नहीं रखते हैं और रात में देर तक जागते हैं, जो कि गलत है।