लखनऊ/आगरा। केंद्रीय जलशक्ति और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रतन लाल कटारिया की अध्यक्षता में आज सुबह आगरा में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान NMCG, केऩ्द्रीय जल आयोग, यूपी जल निगम और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री कटारिया ने बताया कि सरकार के अथक प्रयासों और दृढ़ प्रतिबद्धताओं के कारण पहली बार हरिद्वार और ऋषिकेश में पानी की गुणवत्ता का level A होगा जोकि पहले level B हुआ करता था। जलशक्ति राज्य मंत्री श्री कटारिया ने बताया कि अधिकांश सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट और Drain Projects का डायवर्जन समयसीमा में पूरा कर लिया गया है जिससे अपशिष्ट जल नदी में नहीं गिरता और जल की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही कटारिया ने बताया कि उत्तराखंड में नमागि गंगे कार्यक्रम के तहत 1,159.85 करोड़ की लागत से प्रावधानित कुल 35 परियोजनाओं में से 31 पहले ही पूरी हो चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय उत्तराखंड में घाटों का विकास कर रहा है और चंडीघाट के नाम से एक प्रमुख घाट विकसित किया गया है। हर की पौड़ी पर सुधार का काम पूरा हो गया है। कुंभ मेले की तैयारी के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है और आवंटित किया गया है जिसमें शौचालयों, कूड़ेदान आदि के प्रबंधन के साथ आमजनों के लिए चलाए जाने वाले जन जागरूकता अभियान भी शामिल हैं।

जलशक्ति राज्य मंत्री ने गंगा के जल में हुए गुणवत्ता सुधार की प्रगति को बताते हुए कहा कि भारत सरकार अब यमुना नदी में पानी की गुणवत्ता के साथ-साथ प्रवाह में सुधार पर भी ध्यान दे रही है। श्री कटारिया ने बताया कि यमुना नदी के जल की गुणवत्ता सुधार के लिए 7,485 करोड़ रुपये की कुल 23 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं जिनमें हिमाचल में 1, हरियाणा में 2, दिल्ली में 13 और यूपी में 07 परियोजनाएं शामिल हैं। हरियाणा में 2 परियोजनाएं और मथुरा में एक परियोजना पूरी हो गई है जबकि अन्य पर काम चल रहा है। श्री कटारिया ने बताया कि जून 2021 तक मथुरा और डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में यमुना के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा क्योंकि अधिकांश परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।

 

श्री कटारिया ने बताया कि आगरा के संबंध में कुल 842 करोड़ रुपये सीवेज उपचार की 178 MLD क्षमता बनाने के लिए स्वीकृत किए गए हैं। यह परियोजना विश्व बैंक के साथ निविदा समझौतों के अंतिम चरण में लंबित उन्नत स्तर पर है। मंजूरी मिलते ही निष्पादन शुरू हो जाएगा।

********

*श्रीकांत/सुंदरम*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *