*बदायूँ/यूपी-* चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी कि आज 22 मार्च 2023 से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 शुरू हो गया है. इसे नव संवत्सर भी कहा जाता है चैत्र ही एक ऐसा माह है, जब प्रकृति में वृक्ष और लताएं पल्लवित और पुष्पित होती हैं, यही वजह है कि इस माह से नए हिंदू वर्ष की शुरुआत होती है.
हिंदू धर्म में इस दिन को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. ज्योतिष गणना के अनुसार, हिन्दू नव वर्ष का पहला दिन जिस भी दिवस पर पड़ता है पूरा साल उस ग्रह का स्वामित्व माना जाता है,इस बार हिंदू नववर्ष की शुरुआत बुधवार से हो रही है ऐसे में पूरे साल बुध ग्रह का प्रभाव रहेगा. बुध की कृपा से जीवन में व्यापार, शिक्षा और संचार के क्षेत्र में विकास होता है. वहीं इस साल नव संवत्सर के मंत्री शुक्र हैं बुध और शुक्र दोनों ही ग्रह आपस में मैत्री भाव रखते हैं. जिसके चलते हिंदू नववर्ष के दिन आज दिन बुधवार को नगर दातागंज के नगर कार्यकारिणी के समस्त स्वयंसेवको ने हिन्दू नववर्ष बड़े अच्छे से धूम धाम से मनाया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संचालक असित कुमार ने कहा कि सबसे पहले तो हिंदू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं वर्ष प्रतिपदा का आज कार्यक्रम हुआ है इस कार्यक्रम कों सभी स्वयंसेवकों ने बहुत ही धूमधाम से मनाया, सभी एक दूसरे को शुभकामनायें दे रहे हैं बधाइयां दे रहे हैं वैसे तो यह भारत का भारतीय नववर्ष है भारत पूरे विश्व की कल्याण की बात करता है पूरे विश्व को परिवार मानता है आज ही के दिन इस सृष्टि की रचना हुई थी ऐसी मानता है इसलिए यह पूरे विश्व का नव वर्ष होना चाहिए एक बार पुनः सभी कों ढेर सारी सभी को शुभकामनाएं साथ ही कहना चाहूंगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापक डॉ. केशव राव बलि राम हेडगेवार के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके द्वारा बाल्यकाल से ही राष्ट्रभक्ति को मन में बैठाकर देश भक्ति के अनेक कार्य किए गए है। सनातन संस्कृति को बचाने के लिए देश में अनेक जाति में बिखरे हिंदू समाज को एकत्र करने का महत्वपूर्ण और अत्यंत कठिन कार्य सोचा।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दातागंज व्यवस्था प्रमुख सत्यपाल गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर कार्यकारिणी की तरफ से अस्थल मंदिर दातागंज में नव वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम बड़े हर्ष उल्लास के साथ बनाया गया है हम सभी ने एक दूसरे के मंगल भविष्य की कामना करते हुए समस्त जनों को शुभकामनाएं देते हुए बधाई दी है साथ ही कहना चाहूंगा कि हिंदू समाज के चार हिंदू एक साथ तभी चलते है, जब पांचवां उनके कंधे पर होता है। अन्यथा चारों अलग-अलग चलते है। ऐसी कठिन परिस्थितियों में हिंदू समाज में जागरूकता और एकजुटता लाने के उद्देश्य से विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना करके समस्त हिंदुओ को जोड़ने का कार्य शुरू किया था।