आगरा । ताजगंज में ट्रैक्टर चालक की मौत के बाद हुए बवाल में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी फूंक दी थी। इस मामले में शुरुआती दिनों में कार्रवाई करने के बाद पुलिस की कार्रवाई थम गई है। पंद्रह दिन में एक भी आरोपित की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। केवल दिखावे के लिए गांव में दबिश दी जा रही हैं। अब पुलिस ने तीस आरोपितों के गैर जमानती वारंट लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दिया है।
ताजगंज के करभना निवासी पवन कुमार यादव 31 दिसंबर 2020 को ट्रैक्टर -ट्राली से बालू लेकर जा रहे थे। पुलिसकर्मियों के पीछा करने पर उनका ट्रैक्टर पलट गया और उनकी मौत हो गई। इसके बाद हुए उपद्रव में ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को पीटा। उनके वाहनों को फूंक दिया और तोरा पुलिस चौकी भी फूंक दी। पुलिस ने इस मामले में अपनी ओर से दो मुकदमे ताजगंज थाने में दर्ज किए थे। इनमें दो सौ से अधिक अज्ञात लोग शामिल थे। पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर 60 आरोपितों को चिह्नित किया। 16 आरोपित घटना के चार दिन में ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिए। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई रुक गई। उपद्रवियों के पोस्टर चस्पा कराए गए। करभना और आसपास के गांवों में दिखावे को दबिश भी दी गई। मगर, कोई आरोपित पिछले पंद्रह दिन में गिरफ्तार नहीं हुआ। इसको लेकर सवाल उठ रहे थे। अब पुलिस कोर्ट में पहुंच गई है। सीओ सदर राजीव कुमार सिंह ने बताया कि चिह्नित किए गए 30 आरोपितों के गैर जमानती वारंट जारी कराने को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर आरोपित सामने नहीं आएंगे तो कोर्ट के आदेश पर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।