आमजन भी जुड़ कर ले सकते हैं जानकारी भारत प्रसाद
फर्रूखाबाद 24 मई 2022l।
बाल विकास विभाग की ओर से लोगों को विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके लिए 26 मई को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पोषण पाठशाला आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य थीम शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान है। इसके लिए मई व जून में प्रदेश में नो वाटर, ओनली ब्रेस्टफीडिंग कैंपेन (पानी नहीं, केवल स्तनपान ) चलाया जा रहा है। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद का l
डीपीओ ने जन सामान्य से नियत तिथि पर वेब लिंक से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पोषण पाठशाला में विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञों की ओर से शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान की आवश्यकता, महत्व, उपयोगिता आदि के संबंध में हिन्दी में विस्तार से चर्चा की जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों व अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का लाइव वेबकास्ट भी किया जाएगा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार उत्तर प्रदेश में शीघ्र स्तनपान की दर 23.9 प्रतिशत है। छह माह तक के शिशुओं में केवल स्तनपान की दर 59.7 प्रतिशत है।
अमृत समान है मां का दूध
मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान है। शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि जन्म के एक घंटे के अन्दर शिशु को स्तनपान प्रारम्भ करा देना चाहिए। छः माह की आयु तक उसे केवल स्तनपान कराना चाहिए। प्रचलित मिथकों के कारण केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है। मां एवं परिवार को लगता है कि स्तनपान शिशु के लिए पर्याप्त नहीं है और वह शिशु को अन्य चीजें जैसे कि घुट्टी, शर्बत, शहद और पानी आदि पिला देती है। स्तनपान से ही शिशु की पानी की भी आवश्यकता पूरी हो जाती है। इसलिए शीध्र स्तनपान केवल स्तनपान की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाना है।
ये हैं दिशा-निर्देश
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विकास विभाग की सभी मुख्य सेविकाएं, आशा, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी वेब लिंक http://webcast.gov.in/up/icds के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने स्मार्टफोन के द्वारा वेब लिंक के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगी।