संजय शर्मा
बदायूं । प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के मामले में जितनी भी सख्त क्यों न हो, परन्तु इसका कोई असर जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में तैनात परियोजना निदेशक अनिल कुमार से लेकर निचले स्तर तक नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है।
इसका जीता जागता उदाहरण विधान सभा क्षेत्र बिसौली से निर्वाचित विधायक आशुतोष मौर्य का दिखाई देता है, विधायक बिसौली के द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को लिखे गए अपने पत्र में खुल कर अवगत कराया कि उनकी विधायक निधि से क्षेत्र में कराए जाने वाले विकास कार्यों को पिछले लगभग चार माह से लटका कर रखा गया है जिसके कारण उनके क्षेत्र में विकास कार्य अवरूद्ध हो रहें हैं, श्री मौर्य ने तो यहां तक लिखा है कि मेरी विधायक निधि में गम्भीर वित्तीय अनियमितता बरती जा रही है इसके लिए उन्होंने, लगभग एक माह पूर्व पटल सहायक को भी हटाए जाने की भी मांग की थी परंतु परियोजना निदेशक की मिली भगत के कारण विधायक के उक्त पत्र को ही दबा दिया है । इससे पूर्व भी विधायक बिसौली द्वारा अपने विकास कार्यों को लेकर विकास भवन में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी जा चुकी थी, इससे घबराए परियोजना निदेशक ने दो चहेते बाबुओं को खुशामद करने हेतु भेजा गया था इसके बाद भी विधायक बिसौली द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को उक्त पत्र लिखा गया परन्तु परियोजना निदेशक द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को भी गुमराह किया गया, इससे पूर्व भी इसी प्रकार से बीते चार बरसों से मुख्य विकास अधिकारीयों को गुमराह करते चले आ रहे हैं।
