74वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में नगर पालिका परिसर में कवि सम्मेलन व मुशायरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष आशा राठौर व मुख्य संयोजक अशोक खुराना रहे। कार्यक्रम आयोजक अधिशासी अधिकारी नगर पालिका डॉ. दीप कुमार वार्ष्णेय के निर्देशन में कविओं व शायरों ने देश भक्ति व शहीदों को समर्पित रचनाएँ पढ़ते हुए सदन को आत्मविभोर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरिता चौहान ने माँ सरस्वती की वंदना से किया व नाते-पाक अहमद अमजदी के द्वारा प्रस्तुत की गयी।
साहित्यकार अशोक खुराना ने पढ़ा-
हर मानव का फर्ज़ है बने वतन की ढाल, देश अहित जो चाहते गले न उनकी दाल।
समर बदायूनी ने पढ़ा-
कोई आशिक़ चाहता है जैसे अपनी जान को, प्यार करता हूँ मैं ऐसे अपने हिन्दुस्तान को।
चन्द्र पाल सिंह सरल ने पढ़ा-
ज़मीं से कौन जुड़ना चाहता है, जिसे देखो वो उड़ना चाहता है।
कवि कामेश पाठक ने पढ़ा-
जिसकी पुनीत पावन धरती को नमन करे संसार, सबसे प्यारा देश हमारा है जन्नत का द्वार।
शम्स मुजाहिदी ने पढ़ा-
ऊँचा तेरा मकाम है छब्बीस जनवरी, तुझको मेरा सलाम है छब्बीस जनवरी।
असरार मुजतर ने पढ़ा-
वतन पर अपनी प्यारी ज़िन्दगी कुर्बान कर देंगे, निछावर देश की इज़्ज़्त पे अपनी जान कर देंगे।
इनके अतिरिक्त उस्ताद शायर खलिद नदीम, प्रदीप रायजादा विशाल, डॉ. मुजाहिद नाज़, शैलेन्द्र मिश्रा देव, नासिर बदायूनी, उज्ज्वल वशिष्ठ, सगीर सैफी, राजवीर सिंह तरंग, आरिफ बदायूनी, हर्षवर्धन मिश्रा, अय्यूब बदायूनी, षटवदन शंखधार, पवन शंखधार व अमन मयंक शर्मा आदि ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. मनवीर सिंह ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन भूराज सिंह ने किया। इस अवसर पर डी.के. चड्डा, रजनीश शर्मा कार्यालय अधीक्षक नगर पालिका, नवेद इकबाल व अरविन्द सिंह आदि मौजूद रहे।