लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रिपल टी ( टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट) मॉडल के साथ ही मंडल व जिलों के स्थलीय निरीक्षण का व्यापक प्रभाव पड़ा है। एक मई से प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के कारण ही प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण का रिकवरी रेट अब 94.30 प्रतिशत पर आ गया है। बीते 23 घंटे में 3981 नए संक्रमित मिले हैं जबकि तीन लाख 17684 सैंपल का टेस्ट किया गया।
उत्तर प्रदेश ने देश में एक दिन में सर्वाधिक टेस्टिंग (3,26399 लाख) का रिकॉर्ड बनाया है। इस टेस्ट की बढ़ती संख्या के बावजूद प्रदेश सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की गई है।
प्रदेश में अब 75 में से 49 ऐसे जिले हैं जहां पर एक्टिव केस संख्या घटकर हजार से नीचे आ गयी है। बीस जिले ऐसे हैं जहां पर सक्रिय केस 500 से भी कम है। सूबे की राजधानी लखनऊ में जहां 24 घंटे में छह हजार से नए मामले आते थे, अब एक्टिव केस की संख्या 5458 है।
24 घंटे में 3981 नए संक्रमित: प्रदेश में बीते 24 घंटे में 3981 नए संक्रमित मिले हैं, जबकि इसके संक्रमण से 11918 लोग उबरे हैं। अब प्रदेश में कोरोना वायरस के 76703 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 326399 कोरोना टेस्ट हुए हैं। यह एक दिन में सर्वाधिक टेस्ट का देश में रिकार्ड है। 24 घंटे में कोरोना संक्रमण मामले घटकर 3981आ गए। बीती 24 अप्रैल को यह संख्या 38055 थी। अब सक्रिय मामले 76703 हैं, जो कि 30 अप्रैल को 310783 के रिकॉर्ड स्तर पर थे।
10 जिलों में केस दहाई पर सिमट गए: प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी के बीच में अब नए संक्रमण 3981 पर सिमट रह हैं। 24 घंटे में सर्वाधिक संक्रमण वाले जिलों में सहारनपुर में 323, मेरठ में 296, लखनऊ में 215 व बुलंदशहर में 195 नए केस सामने आए हैं। कौशांबी में तो 24 घंटे में एक भी केस नहीं। अब 10 जिलों में केस दहाई पर सिमट गए हैं। हमीरपुर, कानपुर देहात, हाथरस, महोबा, बांदा, औरैया, फतेहपुर, चित्रकूट, मीरजापुर तथा जालौन में नए संक्रमण के मामले इकाई में ही सिमटे रहे। प्रदेश में पॉजिटिविटी 17 प्रतिशत से घटकर दो प्रतिशत पर आ गई है। बीते 17 दिनों में 21 मई को छोड़ दें तो प्रदेश में संक्रमण के घटने का लगातार 16 वां दिन है।
मिशन मोड में काम: सीएम योगी आदित्यनाथ के कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद मिशन मोड में काम करने अब और शहर से लेकर गांव तक कोरोना संक्रमण में कुछ नियंत्रण लगा है। मुख्यमंत्री ने सभी की काम की प्राथमिकता तय करने के साथ प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को मोर्चे पर लगाया। कोरोना से खुद संक्रमित होने के बावजूद रोज बैठक में मंडल और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ समाज के अलग वर्ग लोगों से ऑनलाइन संवाद बनाए रखा। संक्रमण से निगेटिव होने के बाद से ही अपने निदेशरें के भौतिक सत्यापन के लिए लगातार ग्राउंड जीरो पर हैं।