एटा (सू0वि0)। उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र बांके लाल ने यह जानकारी देते हुये बताया कि वर्तमान में कोविड-19, महामारी की व्यापकता एवं इससे निपटने के लिये प्रदेश में मेडीकल आॅक्सीजन एवं अन्य आवश्यक सहायक मेडीकल सामग्री (जैसे आॅक्सीजन प्लान्ट, आॅक्सीजन सिलेण्डर, रेगूलेटर, वेन्टीलेटर, क्रयोजनिक टेंकर्स, हाॅस्पीटल्स बैड्स आदि, जोकि कोविड से सम्बन्धित आवश्यक चिकित्सीय सामग्री है) की तत्काल आवश्यकता के दृष्टिगत एवं अल्पकालीन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उक्त मेडीकल उपकरण निर्माण हेतु उत्तर प्रदेश शासन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अनुभाग-2, लखनऊ द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना’’ लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होनें बताया कि यह योजना वर्तमान में कार्यरत औद्योगिक इकाईयों एवं नवीन स्थापित होने वाली ऐसी औद्योगिक इकाईयों हेतु प्रभावी होगी, जो कोविड से सम्बन्धित स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचित आवश्यक मेडीकल सामग्री हेतु अपनी वर्तमान क्षमताओं में वृद्वि करने अथवा इस क्षेत्र में नवीन इकाई स्थापित करने हेतु इच्छुक हों।यह योजना शासनादेश निर्गत होने की तिथि से 01 वर्ष तक प्रभावी रहेगी। योजना के अन्तर्गत पात्रता हेतु इकाई के प्लान्ट, मशीनरी व इक्यूमेन्ट में स्वंय की पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा रू0 20.00 लाख होगी। इकाई स्थापना एवं संचालन हेतु विभिन्न विभागों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां/अनापत्तियां/ अनुमोदन आदि प्रदान करवाने हेतु उद्यमियों को फास्टट्रेक मोड में त्वरित सहायता प्रदान करायी जायेगी। पात्र इकाईयों को प्लान्ट मशीनरी एवं इक्यूमेन्ट की स्थापनार्थ हुये व्यय का 25 प्रतिशत, अधिकतम धनराशि रू0 10.00 करोड, जो भी कम हो, की वित्तीय सहायता पूंजी उपादान (कैपीटल सब्सिडी) के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी। यह प्रतिपूर्ति विभाग में उपलब्ध बजट के अन्तर्गत ही की जायेगी। इसके लिये प्रथम आगत, प्रथम पावत के सिद्वान्त का पालन किया जायेगा। सी0जी0टी0-एम0एस0ई0 (क्रेडिट गारन्टी ट्रस्ट फण्ड फार एमएसएमई यूनिट्स) योजना के अन्तर्गत आॅच्छादन हेतु लाभार्थी इकाई द्वारा भुगतान की गयी फीस की प्रतिपूर्ति प्रदेश सरकार द्वारा योजनान्तर्गत वहन की जायेगी।
उन्होनें बताया कि योजनान्तर्गत उक्त वित्तीय सहायता इकाई के कार्यरत होने के उपरान्त, इकाई द्वारा उपलब्ध कराये गये दावे के सापेक्ष प्रदान की जायेगी। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक व पात्र आवेदक इकाई द्वारा किसी राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा अथवा सिडबी में आवेदन करना होगा। बैंक अथवा सिडबी द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरान्त, आवेदन पत्रों को अपने सम्बन्धित उपायुक्त उद्योग कार्यालय को अग्रसारित किया जायेगा। बैंक अथवा सिडबी द्वारा जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र को अग्रसारित आवेदन पत्र में मुख्यतः इकाई द्वारा प्रस्तावित गतिविधि का वर्णन करते हुये प्रोजेक्ट रिपोर्ट, इकाई द्वारा वांछित कुल ऋण धनराशि का उल्लेख अनिवार्यतः करना होगा। उपायुक्त उद्योग द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों के प्रारम्भिक परीक्षण के उपरान्त, आवेदन पत्र जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अनुमोदन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा, समिति द्वारा अनुमोदित/संस्तुति किये गये आवेदन पत्रों को आयुक्त एवं निदेशक उद्योग उ0प्र0, कानपुर को अग्रसारित किये जायेंगें। इस सम्बन्ध में बैंक/सिडबी द्वारा अप्रेजल रिपोर्ट को आधार मानकर परीक्षण किया जायेगा। आयुक्त एवं निदेशक उद्योग उ0प्र0 द्वारा परीक्षण किये गये आवेदन पत्रों को शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव, एम0एस0एम0ई0 विभाग की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति को प्रेषित किये जायेंगें।
उन्होनें कहा कि जनपद/प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड से सम्बन्धित अधिसूचित आवश्यक मेडीकल सामग्री के निर्माण इकाई स्थापित करने हेतु जनपद एटा के इच्छुक उद्यमियों से अनुरोध है कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी उक्त नई योजना का लाभ उठायें तथा सम्बन्धित बैंक/सिडवी को अपना ऋण आवेदन पत्र दिनांक 20 जून 2021 तक प्रस्तुत करें। योजना की अधिक जानकारी हेतु किसी भी कार्य दिवस में कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुये इस कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।