एटा । जिला कृशि रक्षा अधिकारी, मनोज कुमार ने यह जानकारी देते हुये बताया कि किसान भाइयों रबी मौसम की प्रमुख फसलों में लगने वाले सामयिक कीट/रोग से बचाव हेतु निम्न विस्तृत सुझाव एवं संस्तुतियों सहित एडवाइजरी जारी की है
उन्होनें बताया कि राई/सरसों- माहू एवं पत्ती सुरंगक कीट के नियंत्रण हेतु एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रति0 ई0सी0 की 2.5 लि0 मात्रा को 500-600 लि0 पानी में घोलकर छिडकाव करे। रासायनिक नियंत्रण डाईमेथोएट 30 प्रति0 ई0सी0 अथवा क्लोरोपाइरीफास 20 प्रति0 ई0सी0 की 01 लि0 मात्रा का 600-750 लि0 पानी में घोल बनाकर प्रति है0 की दर से छिड.काव करें।अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण हेतु मैंकोजब 75 प्रति0 डब्लू0पी0 अथवा जिनेब 75 प्रतिषत डब्लू0पी0 की 02 किग्रा अथवा मेटालेक्सिन 8 प्रति0$मैकोजब 64 प्रति0 डब्लू0पी0 की 2.5 किग्रा मात्रा को प्रति है0 की दर से 600-750 लि0 पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।
चना/मटर- फली भेदक एवं सेमीलूपर कीट के नियंत्रण हेतु खेतो में वर्ड पर्चर लगाना चाहिये। बी0टी0 1.0 किग्रा0 अथवा एन0पी0वी0 2 प्रति0 ए0एस0 250-300 एल0ई0 प्रति है0 की दर से लगभग 250-300 ली0 पानी में घोलकर छिडकाव करना चाहिए अथवा एजाडिरेक्टिन 0.03 प्रति0 डब्लू0एस0पी0 2.5-03 किग्रा मात्रा को 500-600 लि0 पानी में घोल बनाकर प्रति है0 की दर से छिडकाव करें। पत्ती धब्बा एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण हेतु मैकोजेब 75 प्रति0 डब्लू0पी0 की 2 किग्रा0 अथवा कापर आक्सीक्लोराइड 50 प्रति की 3 किग्रा मात्रा को 500-600 लि0 पानी में घोल बना कर प्रति है0 की दर से छिडकाव करें।
बुकनी रोग के नियंत्रण हेतु घुलनषील गन्धक 80 प्रति 2 किग्रा अथवा ट्राईडेमेफान 25 प्रति0 डब्लू0पी0 250 ग्राम 500-600 लि0 पानी में घोल बनाकर प्रति है0 की दर से छिडकाव करें।
आलू- आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के नियंत्रण हेतु जिनेव 75 प्रति0 डब्लू0पी0 2 किग्रा0 अथवा कोपरआक्सीक्लोरइड 50 प्रति0 डब्लू0पी0 की 2.5 किग्रा0 मात्रा प्रति है0 की दर से लगभग 500-600 ली0 पानी में घोलकर छिडकाव करें।
मक्का-फाल आर्मी बर्म के नियंत्रण हेतु अण्ड परजीवी जैसे ट्राईकोग्रामा प्रेटिओसम अथवा टेलीनामरस रेमस के 50000 अण्डे प्रति है0 की दर से प्रयोग करने से इनकी सं0 की बढोत्तरी में रोक लगायी जा सकती है यांत्रिक विधि के तौर पर सॉंयकाल में 8-10 सं0. में प्रकाष प्रपंच लगाना चाहिये। 6से 8 की सं0 में बर्डपर्चर प्रति एकड लगा कर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। 10-20 प्रति0 छति की अवस्था में रासायनिक नियंत्रण प्रभावी होता है। इस हेतु क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रति0 एस0सी0 0.4 मिली0 प्रति लि0 पानी अथवा इमामैक्टिन बेन्जोएट 0.4 ग्राम प्रति लि0 पानी अथवा स्पाइनोसेड 0.3 मिली0 प्रति लि0 पानी अथवा थायोमेथाक्सोन 12.6 प्रति$लैम्डासाइहेलोथ्रिन 9.5 प्रति0 0.5 मिली0 प्रति लि0 पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करना चाहिये।
उन्होनें कहा कि किसान भाई खेत की नियमित निगरानी अवष्य करते रहें कीट/रोग का प्रकोप होने पर तुरन्त उपचार करें ऐसा होने पर फसलों में क्षति होने से बचाया जा सकता है। (अधिक जानकारी हेतु अपने विकासखण्ड पर स्थापित राजकीय कृशि रक्षा इकाई पर सम्पर्क करें।) ध्यान रहे, दवा का छिड़काव जब मौसम साफ हो तभी करें, अगर वर्शा का संदेष हो तो मौसम साफ होने की प्रतीक्षा करें।
