कासगंज, सम्वाददाता: केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा मानव जीवन को सुरक्षित रखकर बीमारियों से बचाने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिये जैविक खेती कराने पर विशेष बल दिया जा रहा है। नमामि गंगे परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक खेती कराने के लिये विशेषकर गंगा किनारे स्थित गांवों का चयन किया गया है। इसी श्रंखला में गुरूवार को विकास खण्ड सोरों के ग्राम चंदपुरा गऊपुरा के किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक कर प्रोत्साहित करने के लिये कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किसानों को खेतों पर ले जाकर जैविक खेती की स्थलीय जानकारी दी गई।

कृषि विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्र के किसानों को जहरीले रसायनों से हो रहे प्रदूषण से वातावरण को संरक्षित कर भूमि, जल, वायु, पशुओं एवं मानव जीवन को स्वस्थ रखने के लिये देशी कीटनाशक और हरी खाद के माध्यम से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर जैविक खेती करने की विधि समझाई। कृषि विशेषज्ञ डा0 मोहर सिंह वर्मा ने किसानों से कहा कि स्वयं भी स्वस्थ रहें और मानव जीवन को भी स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिये जैविक खेती करें।

जिला प्रभारी राजीव दीक्षित ने किसानों से एफपीओ गठन कर सरकार की योजना का लाभ उठाने का भी आह्वान किया। कृषि विशेषज्ञों द्वारा कीटनाशक, बीज उपचार व जीवामृत बनाने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्रमाणीकरण संस्था सिंफेड से अनिल कुमार, एलआरपी कार्मिक गौरव पाण्डेय, कपिल दीक्षित, आदित्य, रामेन्द्र, अरविंद पाठक तथा प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

 

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