सोरों (कासगंज) : मोक्षदा एकादशी पर्व पर मंगलवार को तीर्थनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। ब्रह्ममुहूर्त से लेकर दोपहर बाद तक हरि की पौड़ी गंगा में स्नानार्थियों ने डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। हर-हर गंगे स्वर से तुलसीनगरी गुंजायमान रही। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंच देव दर्शन किए। हरि की पौड़ी घाट से लेकर मेला परिसर तक भीड़ ही भीड़ दिखाई दी। भगवान श्यामवराह की शोभायात्रा से पहले भगवान के दर्शन के लिए श्यामवराह मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। गंगास्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने पंचकोसीय यात्रा भी की।
गंगा स्नान की है विशेष मान्यता
मार्गशीर्ष माघ की एकादशी पर्व पर गंगास्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि प्राचीन काल में भगवान विष्णु ने शूकरक्षेत्र की धरा पर तृतीय अवतार भगवान वराह रूप में लिया था और पृथ्वी रसातल में ले जाकर राक्षस हृण्याक्ष का वध किया था। उसके बाद पृथ्वी को पुन: स्थापित किया। मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखकर भगवान ने स्नान किया। इसी मान्यता के चलते तीर्थनगरी में एकादशी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हर-हर गंगे, हर-हर महादेव के स्वर घाट पर गूंज उठे। हरि की पौड़ी मार्ग में स्थित बालाजी दरबार, सोमेश्वर मंदिर, पंचमहाशक्ति, द्वारिकाधीश, सिद्ध हनुमान मंदिर, गणपति मंदिर, मानस मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर आदि मंदिरों में देवदर्शन किए।
