भगवान श्रीराम एवं माँ दुर्गा देवी की भक्ति में डूबे नगरवासी

दातागंज (बदायूँ) जनपद बदायूँ के दातागंज मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं जय दुर्गा शिव शक्ति युवा सेवा समिति के कार्यकताओं ने हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में धूम-धाम से समस्त नगर में यात्रा निकाल कर भगवान श्रीराम , माँ दुर्गा देवी की भक्ति में डूबे नगरवासी जोर शोर से नारे लगाते दिखे, स्वयंसेवक व जय दुर्गा शिव शक्ति युवा सेवा समिति के कार्यकर्ता। बताते चले कि दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने इस बार हिंदू नववर्ष का उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाने की तैयारी पहले ही कर ली थी। जिसके चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं जय दुर्गा शिव शक्ति युवा सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में धूम-धाम से समस्त नगर में डीजे बजाते हुए नाचते गाते यात्रा निकाल कर मनाई साथ ही हिंदू नववर्ष की समस्त नगरवासियों को शुभकामनाओं के साथ बधाई दी। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष प्रतिपदा के दिन सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया। इस बार परिस्थिति अनुकूल होने के कारण मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया। दो अप्रैल दिन शनिवार को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 प्रारंभ हो गया। इस बार नववर्ष का उत्सव भव्य रूप से मनाया गया वर्ष प्रतिपदा का दिन स्वयंसेवकों के लिए इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है कि उस दिन ही संघ के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ था। इस दिन प्रातःकाल स्वयंसेवको ने शाखा लगाने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम देकर सभी स्वयंसेवक संघ संस्थापक को याद किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संचालक असित कुमार एवं नगर व्यवस्था प्रमुख सत्यपाल गुप्ता बताया कि हिंदू नववर्ष के दिन लोगों से अपने-अपने घरों पर भगवा ध्वज लगाने की अपील की गई है साथ ही घर के बाहर रंगोली बनाने, दीप जलाने, अपने मित्रों, शुभचिंतकों व नववर्ष की शुभकामनाएं देने को कहा जा रहा है। कई स्वयंसेवक भी घर-घर जाकर भगवा ध्वज लगाने का काम कर रहे हैैं। कई जगहों पर लोगों ने हिंदू नववर्ष से संबंधित पत्रक भी बांटे है।चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की थी रचना
प्रांत कार्यवाह ने कहा कि हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन का महत्व इसलिए ज्यादा है कि उस दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। भारत वर्ष में प्राचीन काल से चली आ रही काल गणना उसी दिन से प्रारंभ होती है। सम्राट विक्रमादित्य ने आक्रमणकारी शकों को पूर्ण रूप से पराजित कर भारत से निष्कासित किया और उसकी याद में विक्रम संवत प्रारंभ किया। इसी दिन स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी और भगवान राम का राज्याभिषेक भी उसी दिन हुआ था। इसलिए हम सभी लोग नववर्ष धूमधाम से मना रहे है।

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