नई दिल्ली:प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के प्रयास का प्रतिनिधित्व करती है तथा इस अर्थ में ‘सबका साथ, सबका विकास’ भावना की सच्ची प्रतीक है, जो माननीय प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप है”: केंद्रीय वित्त मंत्री

पीएमएमवाई, ऋण की कमी का सामना कर रहे ‘आकांक्षी जिलों’ में लाभार्थियों की बढ़ती संख्या के लिए ऋण-प्रवाह को सक्षम बनाती है”: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री

वित्तीय समावेश के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत की गयी थी। हम इस योजना की 7वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। आइए हम इस योजना की कुछ प्रमुख बातों और उपलब्धियों पर एक नज़र डालें।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को पीएमएमवाई का शुभारम्भ किया था, जिसका उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट व गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक की ऋण सुविधा प्रदान करना था।

योजना की 7वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, “उल्लेखनीय है कि आय सृजन गतिविधियों के निर्माण के लिए इस योजना के तहत कुल 18.60 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के लिए 34.42 करोड़ से अधिक ऋण खाते खोले गए हैं।”

पीएमएमवाई के माध्यम से कारोबारी माहौल में सुधार और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, “योजना ने विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने में मदद की है और जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किये हैं। 68 प्रतिशत अधिक ऋण खाते, महिलाओं के लिए स्वीकृत किये गए हैं और 22 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिये गए हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत के बाद से अब-तक ऋण नहीं लिए हैं। ।

सभी मुद्रा लाभार्थियों को बधाई देते हुए और अन्य संभावित उधार लेने वालों से आगे आने तथा राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, “अब तक स्वीकृत कुल ऋणों में से 51 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति / ओबीसी श्रेणी समुदाय को दिए गए हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के प्रयास का प्रतिनिधित्व करती है तथा इस अर्थ में ‘सबका साथ, सबका विकास’ भावना की सच्ची प्रतीक है, जो माननीय प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप है।“

इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) शुरू करने के पीछे की प्रेरक शक्ति सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को परेशानी मुक्त / निर्बाध तरीके से संस्थागत ऋण प्रदान करना है। अपनी शुरूआत के बाद से, पिछले सात वर्षों में, कुल 34.42 करोड़ खाताधारकों को सहायता प्रदान करते हुए यह योजना उत्साही उद्यमियों को सफलतापूर्वक लाभ पहुंचा रही है, वित्त राज्यमंत्री ने कहा ।

वित्त राज्यमंत्री डॉ. कराड ने कहा की इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने वाले कई उद्यमी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस योजना के तहत सबसे बड़ा लाभार्थी समूह महिलाओं का है। इस योजना के तहत खोले गए ऋण खातों में से 68 प्रतिशत से अधिक खाते महिलाओं के हैं। इस योजना के अंतर्गत चलाए गए विशेष अभियान ने भी महिलाओं और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए संभावित ऋणकर्ताओं तक पहुंचने में मदद की है। पीएमएमवाई का अन्य उल्लेखनीय फोकस नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए गए ‘आकांक्षी जिलों’ में अधिक से अधिक संख्या में लाभार्थियों को ऋण प्रदान करना है और इस प्रकार ऋण से वंचित इन जिलों में ऋण के प्रवाह को अनुकूल बनाना है, वित्त राज्यमंत्री डॉ. कराड ने कहा।

देश में वित्तीय समावेश (एफआई) कार्यक्रम का कार्यान्वयन तीन स्तंभों पर आधारित है, अर्थात्, बैंक की सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा देना, असुरक्षित ऋण को सुरक्षित बनाना और वित्तीय सुविधा से वंचित लोगों को वित्तीय सुविधा देना। इस कार्यक्रम के तहत, प्रौद्योगिकी की मदद से और विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाकर इन तीन उद्देश्यों को पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं और इसके साथ ही जरूरी सुविधाओं से वंचित लोगों को सहायता भी प्रदान की जा रही है।

एफआई के तीन स्तंभों में से एक- वित्तीय सुविधा से वंचित लोगों को वित्तीय सुविधा देना- पीएमएमवाई के माध्यम से एफआई इकोसिस्टम में परिलक्षित होता है। छोटे उद्यमियों को ऋण-सुविधा देने के उद्देश्य से इस योजना को लागू किया गया है। अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से; पीएमएमवाई योजना, उभरते उद्यमियों से लेकर मेहनती किसानों तक- सभी हितधारकों की वित्तीय जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करती है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) वंचित और सामाजिक-आर्थिक रूप से उपेक्षित समुदाय को वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने की ताकत दी है और लोगों में आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की भावना का संचार किया है।

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