बदायूँ शिखर
बुधग्रहराशि_परिवर्तन : वर्तमान समय में मिथुन राशि में गोचर कर रहे बुध ग्रह 2 अगस्त को कर्क राशि में, और फिर 17 अगस्त को सिंह राशि में गोचर करेंगे 2 सितंबर तक । इसी दौरान बुध ग्रह 5 अगस्त से 9 सितंबर दरमियान अस्त भी रहेंगे । तो इस तरह अगर देखें तो अगस्त महीने के 25 दिन बुध अस्त रहेंगे । जानकारी के लिए बता दें कि बुध ग्रह व्यापार के कारक हैं, marketing , sales purchase , आर्थिक लेन देन के कारक ग्रह हैं । तो इस तरह जब कारक ग्रह अस्त होकर प्रभाव हीन हो जाते हैं तो अपने कारक विषयों से संबंधित फल देने में असमर्थ हो जाते हैं , या सरल शब्दों में यह कहें कि शुभ फल नहीं दे पाते । लेकिन यह बात हर किसी पर लागू नहीं होगी हर कोई इस से प्रभावित नहीं होगा , प्रभावित सिर्फ वही लोग होते हैं जिनकी जन्म कुण्डली में पहले से ही बुध ग्रह दुष्प्रभाव में होते हैं या फिर 6, 8, 12 से संबंधित होते हैं , या फिर लग्नेश के शत्रु होते हैं । विशेष कर 2 अगस्त से 17 अगस्त दरमियान बुध मिथुन राशि में होंगे, और यहां बुध राहु युति भी बनेगी, तो जिनकी भी जन्म लग्न अनुसार यह गोचर 3, 4, 8, 10, 12वे भाव में होगा उनको आर्थिक लेन देन , कोई भी सौदेबाजी के फैसले सतर्कता और सावधानी से करने की ज़रुरत रहेगी । उस के बाद 17 अगस्त से 2 सितंबर के दरमियान बुध का गोचर कर्क राशि में होगा तो जिनकी भी जन्म लग्न अनुसार यह गोचर 3, 4, 8, 10, 12वे भाव में होगा उनको भी sales purchase , आर्थिक लेन देन में सतर्कता और सावधानी रखने की ज़रूरत रहेगी । उपाये के तौर पर गणपति जी की पूजा आराधना करें, हरी मूंग की दाल का दान करें ।
#शुक्रग्रहराशि_परिवर्तन : पूरे अगस्त महीने में शुक्र का गोचर मिथुन राशि में रहेगा । यहां बुध भी गोचर कर रहे होंगे और राहु की स्थिति भी पहले से वहां है । तो इस तरह शुक्र दोनो ग्रहों से पीड़ित होंगे । विशेष कर शुक्र रिश्तों के सुख के कारक ग्रह हैं, स्त्री सुख के कारक ग्रह, और भौतिक सुख के कारक ग्रह हैं । और मिथुन राशि sales purchase से संबंधित हैं, आपसी रिश्ते बातचीत से संबंधित है , यात्रा से संबंधित है, इस नाते आपसी रिश्तों में समस्या बढ़ेगी, खास कर जिनका नया नया विवाह हुआ है या फिर नए नए प्रेम संबंध बने हैं वह आपसी रिश्तों का ध्यान रखें । लेकिन तरक्की के लिए, नई चीज़ों की खरीदारी के लिए , नए रिश्ते जोड़ने के लिए यह समय अच्छा रहने वाला है । पूरे रुके हुए कार्य बनेंगे, रुके हुए धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे । लेकिन जिनकी जन्म कुण्डली में पहले से ही शुक्र ग्रह नीच राशि में या फिर अस्त है या फिर दुष्प्रभाव में है ऐसे जातक आपसी रिश्तों का ध्यान रखें, बड़ी मात्रा में धन के लेन देन करते समय सावधानी बरतें , विशेष कर digital लेन देन , internet के माध्यम से बनाये गए मित्रों पर भरोसा इस समय ना करें , अगर internet के माध्यम से कोई खरीदारी करनी हो तो भी जांच परख कर ही आगे बढ़ें । उपाये के तौर पर दहीं का दान शुक्रवार के दिन मंदिर में करें ।
सूर्यग्रहराशि_परिवर्तन : वर्तमान समय कर्क राशि में गोचर कर रहे सूर्य ग्रह 16 अगस्त को सिंह राशि में गोचर करेंगे । सिंह राशि में सूर्य का गोचर शुभकारी फल देगा क्योंकि यहां सूर्य पर शुभ ग्रह बृहस्पति की दृष्टि रहेगी । हालांकि इस से पहले अगस्त के पहले 15 दिन सूर्य कर्क राशि में शनि की दृष्टि में हैं इस वजह से शुभता नहीं दे रहे , विशेष कर जिनकी जन्म कुण्डली में सूर्य पहले से ही अशुभ स्थिति में हैं वह प्रतिष्ठा और सम्मान को लेकर ध्यान रखें , बोस , पिता, बड़े भाई , सीनियर अधिकारी लोगों के साथ संबंध अच्छे बनाए रखें इसी में आपका लाभ बना हुआ है । इस के बाद सूर्य का सिंह राशि में गोचर , अपनी राशि में कोई भी ग्रह शुभकारी परिणाम ही देता है , विशेष कर जिनकी लग्न कुण्डली में सूर्य का यह गोचर 3, 6, 10, 11वे भाव में होगा उनके लिए यह समय सफलता और तरक्की देने वाला रहेगा, किसी भी तरह के नए कार्य इस समय में शुरू किए जा सकते हैं , ब्रहस्पति की दृष्टि प्रभाव से सफलता और तरक्की मिलेगी ।
मंगलग्रहराशि_परिवर्तन : वर्तमान समय में मीन राशि में गोचर कर रहे मंगल ग्रह 16 अगस्त को मेष राशि में गोचर करेंगे अगले 40 दिनों के लिए । मेष राशि मंगल की अपनी राशि है और ज्योतिष अनुसार अपनी राशि में विराजमान ग्रह शुभता देते हैं, इस के साथ ही यहां मंगल पर शुभ ग्रह ब्रहस्पति की दृष्टि रहेगी जिस से प्रभाव और भी शुभ होंगे । लेकिन इस से पहले अगस्त के पहले 15 दिन मंगल का गोचर मीन राशि में शनि की दृष्टि में है, इस नाते मित्रों, भाइयों , साथी सहयोगी , सहकर्मियों का साथ व्यवहार अच्छा बनाये रखें, जिनका स्वास्थ्य कमज़ोर बना रहता है विशेष कर पेट हृदय और मूत्र अंगों से संबंधित जिनको रोग बने रहते हैं वह स्वास्थ्य से जुड़े परहेज़ करते रहें जिस से स्वास्थ्य अच्छा बना रहे , भोजन शुद्ध और ताज़ा ही करें । इस के बाद मंगल का मेष राशि में गोचर कार्यो में सफलता और तरक्की देगा, आप कोई भी नया कार्य इस समय में शुरू कर सकते हैं , नया व्यवसाय , चाहे कर्ज़ लेना हो , धन से संबंधित कोई महत्वपूर्ण कार्य हो वह आप कर सकते हो । लेकिन जिनकी जन्म कुण्डली में मंगल की स्थिति शुभ नहीं है, राहु शनि से मंगल की युति है या फिर मंगल की स्थिति जन्म कुण्डली में 1, 4, 7, 8, 12वे भाव में है वह पहले मंगल से संबंधित उपाये ज़रूर करें ग्रह स्थिति अनुसार , उस के बाद ही नए कार्य करें । मंगल की शुभता के लिए उपाये के तौर पर लाल मसूर या शहद मंदिर में दें मंगलवार के दिन ।
पूर्णिमा_तिथि : 3 अगस्त दिन सोमवार को सावन महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी , इसी दिन रक्षा बंधन होता है । सावन महीने में शिव उपासना का विशेष महत्व है, और पूर्णिमा तिथि पर किये गए पूजा उपासना का फल और भी शुभ होता है । इस नाते रुद्राभिषेक का इस दिन विशेष फल मिलता है, जिनकी भी जन्म कुण्डली में चंद्रमा, ब्रहस्पति और शुक्र की अशुभ स्थिति की वजह से जीवन में समस्या बनी रहती है, स्थाई कारोबार , स्थाई income साधन नहीं बन पाते, हर तरह के शुभ कार्यो में रुकावट आती है , घर की महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता , उनको इस दिन रुद्राभिषेक अनार के रस से करवाना चाहिए । जिस से चंद्र, ब्रहस्पति और शुक्र यह तीनों ग्रह शुभ फल दें ।
अमावस्या_तिथि : 18 अगस्त दिन मंगलवार को भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि रहेगी । अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है , इस दिन किये गए दान पुण्य पितरों को प्राप्त होते हैं जिस से वह सुख का अनुभव करते हैं और अपने कुल परिवार पर कृपा दृष्टि और आशीर्वाद बनाये रखते हैं । जिनकी भी जन्म कुण्डली में सूर्य चन्द्रमा किसी भी रूप में शुभ स्थिति में ना हों , उनको अमावस्या तिथि पर पूजा उपासना, दान पुण्य करने चाहिए ।
एस्ट्रो- एस के त्रिपाठी