रविवार, 19 सितंबर को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, इसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस तिथि पर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मिट्टी की गणेश प्रतिमा का विसर्जन घर में ही किया जा सकता है। किसी नदी या तालाब में प्रतिमा का विसर्जन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से नदी-तालाब में गंदगी बढ़ती है और गणेश जी की प्रतिमा गंदगी में विसर्जित होने से हमें ही दोष लगता है।

घर में ही करें प्रतिमा का विसर्जन

गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन अपने घर में ही करना श्रेष्ठ रहता है। घर में किसी साफ बर्तन में साफ जल भरें और उसमें प्रतिमा विसर्जित की जा सकती है। जब प्रतिमा की मिट्टी पानी में घुल जाए तो उस मिट्टी के घर में पवित्र पौधे के गमले में डाल सकते हैं।

ऐसे करें गणेश जी की सरल पूजा

अनंत चतुर्दथी की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा में भगवान को जल चढ़ाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। जनेऊ पहनाएं। वस्त्र या लाल धागा अर्पित करें, चावल चढ़ाएं। अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।

गणेशजी के मंत्र बोलते हुए दूर्वा की 21 गांठें भगवान को चढ़ाएं। मोदक या लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें। भगवान से पूजा में और गणेश उत्सव के दौरान हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांटें। इस तरह पूजा करने के बाद एक बड़े बर्तन में जल भरें। जल में फूल, चावल, कुमकुम डालें और इसके बाद गणेश जी मंत्र बोलते हुए प्रतिमा जल में विसर्जित करें।

अनंत चतुर्दशी पर जरूरतमंद लोगों को धन और भोजन का दान करना चाहिए। दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *