आज सोमवार, 20 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा और आज भादौ माह खत्म हो जाएगा। इस पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। इस बार ये पक्ष 6 अक्टूबर तक चलेगा। इन दिनों में पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण कर्म किए जाते हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए भादौ मास की पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। इस दिन विष्णुजी के साथ ही महालक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध डालकर भगवान का अभिषेक करना चाहिए।

शिवलिंग पर चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। सोमवार और पूर्णिमा के योग में ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही, हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

आज सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं और परिक्रमा करें। ध्यान रखें सूर्यास्त के बाद तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

इस पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होती है, इसीलिए पितरों के लिए धूप-ध्यान कऱें। किसी गरीब को धन और अनाज का दान करें। 6 अक्टूबर तक श्राद्ध कर्म किए जाएंगे। पितरों के लिए निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करें। खासतौर पर उज्जैन, बनारस, इलाहबाद, हरिद्वार, त्र्यंबकेश्वर और गया में पिंडदान करने का विशेष महत्व है।

इस पूर्णिमा से अमावस्या तक पितृ पक्ष में गलत कामों से बचें, वरना श्राद्ध कर्म का पूरा फल नहीं मिल पाएगा। घर में क्लेश न करें, प्रेम बनाए रखें। जिन घरों में अशांति होती है, वहां पूजा कर्मों का फल नहीं मिल पाता है। साफ-सफाई रखें। नशा और मांसाहार से बचें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *