गुरुवार, 11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन अलग-अलग चीजों सें शिवलिंग का पूजन करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार अगर राशि अनुसार शिव पूजा करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर हो सकते हैं। घर में सुख-समृद्धि बनी रहे, इस कामना के साथ शिवरात्रि पर शिवजी की विशेष पूजा-पाठ कर सकते हैं।
मेष- शिवरात्रि पर कच्चा दूध और दही से शिवलिंग को स्नान कराएं। धतूरा चढ़ाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें।
वृषभ– शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रस से करें। शिवजी को मोगरे का इत्र अर्पित करें। भोग लगाएं और आरती करें।
मिथुन– शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, इत्र से अभिषेक करें। आंकड़े के फूल अर्पण करें। मीठा भोग लगाएं और आरती करें।
कर्क– शिवरात्रि पर अष्टगंध और चंदन से अभिषेक करें। दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर आरती करें।
सिंह– फलों के रस में मिश्री मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। आंकड़े के फूल चढ़ाकर मीठा भोग लगाएं।
कन्या- बेर, धतूरा, भांग, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। बिल्व पत्र पर भोग रखें और भगवान को चढ़ाएं। कर्पूर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
तुला- पानी में फूल डालें और उस जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। बिल्व पत्र, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन समर्पित करें। आरती करें।
वृश्चिक– शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। शहद, घी से स्नान कराने के बाद फिर से जल से स्नान कराएं और आरती करें।
धनु- पके हुए चावल से श्रृंगार करें। सूखे मेवे का भोग लगाएं। बिल्व पत्र, गुलाब आदि चढ़ाएं। आरती करें।
मकर– गेंहू से शिवलिंग को ढंककर विधिवत पूजा करें। इसके बाद गेंहू का दान जरूरतमंद लोगों को करें।
कुंभ– सफेद-काले तिलों को मिलाकर किसी ऐसे शिवलिंग पर चढ़ाएं जो एकांत में हो। पूजन करें, आरती करें।
मीन– रात में पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन करें। ऊँ नम: शिवाय का 101 बार उच्चारण कर बिल्व पत्र चढ़ाएं और आरती करें।